आधुनिक अनुसंधान तकनीकों पर दो दिवसीय विशेष प्रशिक्षण का समापन फिंगरप्रिंट डेवलपमेंट से लेकर वैज्ञानिक फोटोग्राफी तक विस्तृत प्रैक्टिकल सत्र जिले के सभी थानों से पुलिस पदाधिकारियों की सक्रिय भागीदारी वरीय संवाददाता, देवघर अपराध अनुसंधान और वैज्ञानिक जांच प्रक्रिया को और सशक्त बनाने की दिशा में देवघर पुलिस लगातार प्रयासरत है. इसी क्रम में एसपी सौरभ के निर्देश पर पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) वेंकटेश कुमार के नेतृत्व में पुलिस केंद्र में दो दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. 28 व 29 नवंबर को आयोजित इस प्रशिक्षण में अनुसंधान विंग के विशेषज्ञ अधिकारियों ने पुलिस कर्मियों को आधुनिक तकनीकों के प्रयोग की विस्तृत जानकारी दी. प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य अधिकारियों और जवानों को घटनास्थल पर वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संग्रह और दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया में दक्ष बनाना था. प्रशिक्षकों ने अपराध अनुसंधान के गुणवत्तापूर्ण मॉडल प्रस्तुत करते हुए फिंगरप्रिंट डेवलपमेंट, भौतिक साक्ष्यों की पहचान, साक्ष्यों की पैकेजिंग, जब्ती की प्रक्रिया और घटनास्थल की वैज्ञानिक फोटोग्राफी जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी. प्रतिभागियों को बताया गया कि घटनास्थल पर की गयी प्रारंभिक कार्रवाई किसी भी केस की जांच की दिशा तय करती है, इसलिए सावधानी, तकनीकी समझ और साक्ष्य की सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है. प्रशिक्षण के दौरान पुलिस अधिकारियों और जवानों को केस से जुड़े विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करना, अपराध स्थल का सटीक दस्तावेजीकरण करना और उपलब्ध वैज्ञानिक उपकरणों का प्रभावी उपयोग करना भी सिखाया गया. वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से यह समझाया गया कि फिंगरप्रिंट, फुटप्रिंट और माइक्रो साक्ष्य अपराधियों की पहचान में किस तरह निर्णायक भूमिका निभाते हैं. जिले के सभी थानों से तीन-तीन पुलिस पदाधिकारी और पुलिसकर्मी प्रशिक्षण में शामिल हुए. प्रतिभागियों ने बताया कि यह प्रशिक्षण उनके लिए काफी उपयोगी साबित हुआ है. इससे जहां उनकी तकनीकी दक्षता बढ़ेगी, वहीं अपराधों के त्वरित और सटीक निष्पादन में भी मदद मिलेगी.
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