रामचरित मानस नव परायण यज्ञ का सातवां दिन
Advertisement
सीता-राम का विवाह देख भक्त हुए भावुक
रामचरित मानस नव परायण यज्ञ का सातवां दिन मधुपुर : कजरा टंडेरी शिव मंदिर में भक्ति की बयार बह रही है. दो फरवरी से चल रहे रामचरित मानस नवपरायण यज्ञ में गुरूवार को सीताराम विवाह का नाट्य मंचन किया गया. कलाकारों द्वारा नाटक के माध्यम से सीताराम विवाह को दर्शाया और भगवान श्रीराम ने श्री […]
मधुपुर : कजरा टंडेरी शिव मंदिर में भक्ति की बयार बह रही है. दो फरवरी से चल रहे रामचरित मानस नवपरायण यज्ञ में गुरूवार को सीताराम विवाह का नाट्य मंचन किया गया. कलाकारों द्वारा नाटक के माध्यम से सीताराम विवाह को दर्शाया और भगवान श्रीराम ने श्री परशुराम जी का धनुष तोड़ कर सीता के साथ विवाह रचाने का दृश्य की मनमोहक प्रस्तुति की. इससे माहौल हर हर महादेव व भगवान श्रीराम की जयघोष से गूंज उठा. इस अवसर पर प्रवचन कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. अयोध्या से आये महामंडलेश्वर श्री 108 स्वामी श्री प्रेमशंकर दास ने कर्म का महत्व बताते हुए कहा कि आदिकाल से सन्यास व कर्म दोनो का आकर्षण रहा. उन्होंने कहा कि कर्म मार्ग से ही संसार में आवागमन होता है तथा निवृति मार्ग अर्थात सन्यास से मोक्ष पाकर अमृत का भागी होता है.
उन्होंने शरीर काे नश्वर बताया. कहा कि नश्वर शरीर से न धर्म, न यश और न ही अर्थ कमाता है. उन्होंने कहा कि मनुष्य कर्म से ही सुख, दुख, भय, मृत्यु एवं मोक्ष को प्राप्त करता है. यज्ञ को लेकर चारो ओर भक्ति का माहौल बना हुआ है. इस अवसर पर प्रदेश के श्रम मंत्री राज पलिवार यज्ञ में शामिल हुए. यज्ञ समिति द्वारा उन्हें शॉल ओढा कर सम्मानित किया गया. मौके पर उन्होंने कहा कि यज्ञ से पूरा क्षेत्र में भक्ति का माहौल व्याप्त होता है. उन्होंने यज्ञ समिति की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन से लोगों में भक्ति का भाव बढ़ता है. कार्यक्रम को सफल बनाने में राम किशोर चौधरी, अधीर चंद्र भैया, कांग्रेस प्रसाद चौधरी, महेश प्रसाद सिंह आदि मौजूद थे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement