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एक साल में ही खत्म हुई डोभा की प्रासंगिकता

देवघर: राज्य सरकार ने जल संचयन व मछली पालन के लिए पिछले साल अभियान चलाकर डोभा का निर्माण शुरू कराया था. विभागीय आंकड़ों के अनुसार पूरे जिले में कुल 10,734 डोभा का निर्माण कराया गया है. इसमें मनरेगा के तहत मजूदरों द्वारा 7,109 व भूमि संरक्षण से मशीन के जरिये 3645 डोभा का निर्माण किया […]

देवघर: राज्य सरकार ने जल संचयन व मछली पालन के लिए पिछले साल अभियान चलाकर डोभा का निर्माण शुरू कराया था. विभागीय आंकड़ों के अनुसार पूरे जिले में कुल 10,734 डोभा का निर्माण कराया गया है. इसमें मनरेगा के तहत मजूदरों द्वारा 7,109 व भूमि संरक्षण से मशीन के जरिये 3645 डोभा का निर्माण किया गया. इन डोभाओं के निर्माण में करोड़ाें रुपये खर्च किये गये. लेकिन आज अधिकांश डोभा अपनी प्रासंगिकता पूछ रहा है. उनमें पानी नहीं है. ऐसे डोभाओं से सिंचाई व मछली पालन की बात तो दूर जल संचयन भी संभव प्रतीत नहीं होता.
अधिकतर डोभा रबी के मौसम में किसानों की सिंचाई-जरूरत को पूरा करने के लायक नहीं है. मुख्य सचिव ने डोभा के किनारे वन विभाग को पौधरोपण करने का निर्देश भी दिया था, लेकिन विभाग से डोभा के किनारे पौधरोपण नहीं कराया गया. डाेभा निर्माण में अनियमितता पर भी पहले कई साल उठे चुके हैं. दो माह पूर्व डीसी द्वारा गठित जांच टीम ने सारठ व सोनारायठाढ़ी प्रखंड में डोभा निर्माण में गड़बड़ियां भी सामने आयी थी. जांच अधिकारियों ने संबंधित योजना का फाइल भी मंगवाया था, लेकिन कार्रवाई सामने नहीं आयी.
3836 डोभा में डाला गया था मछली का बीज
मत्स्य विभाग का डोभा में मछली पालन की कोई योजना सरकार से तो नहीं थी, लेकिन मत्स्य विभाग की पहल पर किसानों ने खुद पैसे खर्च कर कुल 3836 डोभा में मछली का जीरा डाला था, लेकिन अधिकांश डोभा का पानी में पानी का ठहराव नहीं होने से मछलियां मर गयीं व मछली पालन का उद्देश्य पूरा नहीं हुआ. मत्स्य पदाधिकारी रोशन कुमार के अनुसार किसानों को जागरुक करने के उद्देश्य से मछली पालन शुरू की गयी थी.
सांसद ने उठाया था सवाल
राज्य सरकार की डोभा योजना पर सांसद निशिकांत दुबे ने पहले ही सवाल खड़ा कर दिया था. अगस्त में ही दिशा कमेटी की बैठक में सांसद ने कहा था कि डोभा योजना उपयोगी नहीं है, जल संचयन ऐसी योजना से संभव नहीं है. अगर डोभा योजना अनुपयोगी साबित हुआ तो इसकी जांच करायी जायेगी. घोषणा के अनुसार सांसद ने 16 जनवरी को दिशा कमेटी की बैठक में देवघर जिले में डोभा योजना की केंद्रीय टीम से जांच कराने का निर्देश दिया. अब जल्द ही केंद्रीय टीम डोभा योजना की जांच करने आयेगी.

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