नये सिस्टम के माध्यम से विद्यालय में कक्षाएं आरंभ करने के पहले छात्र-छात्राओं व शिक्षकों की बैठक होगी. इसमें अंगरेजी व हिंदी समाचार पत्रों के मुख्य समाचार को सभी छात्र-छात्राएं पढ़ कर सुनायेंगे. छात्र-छात्राओं द्वारा सुविचार प्रस्तुत करने के साथ-साथ पठन-पाठन के प्रति जागरूक करने के लिए विद्यालय के प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों द्वारा भी सुविचार प्रस्तुत किया जायेगा. प्रधानाध्यापक व शिक्षक वार्षिक पाठ्य योजना अप्रैल के प्रथम पखवारे में ही तैयार कर लेंगे. छात्र-छात्राओं को खेलकूद से जोड़ते हुए वॉलीबॉल, फुटबॉल, बैडमिंटन, कबड्डी, खो-खो आदि इंडोर गेम का आयोजन किया जायेगा. सभी छात्र-छात्राओं को सप्ताह में कम से कम एक दिन पुस्तकालय व प्रयोगशाला अनिवार्य रूप से भेजा जायेगा. प्रयोगशाला में प्रयोग कराने के साथ-साथ प्रायोगिक परीक्षा ली जायेगी.
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लागू होगा एसओपी सिस्टम
देवघर :स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड ने माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्तर पर इस वर्ष वार्षिक परीक्षाफल संतोषप्रद नहीं होने के कारण विद्यालय में एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया है. विभागीय सचिव ने एसओपी सिस्टम अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक व जिला शिक्षा […]
देवघर :स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड ने माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्तर पर इस वर्ष वार्षिक परीक्षाफल संतोषप्रद नहीं होने के कारण विद्यालय में एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया है. विभागीय सचिव ने एसओपी सिस्टम अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक व जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र जारी कर आवश्यक निर्देश दिया है. एसओपी के माध्यम से विद्यालयों का शैक्षणिक माहौल, छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन का सतत् मूल्यांकन, उनके शारीरिक विकास आदि में सुधार किया जायेगा.
छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन के सतत् मूल्यांकन के लिए साप्ताहिक, मासिक, अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षा का आयोजन किया जायेगा. कक्षा नवम से कक्षा बारहवीं तक के छात्र-छात्राओं की अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षा लेते समय उनकी प्रायोगिक भी अनिवार्य रूप से ली जायेगी. प्रायोगिक परीक्षा के अंक को भी परीक्षा परिणाम में दर्शाया जायेगा.
पुस्तकालय में रखी जायेगी उत्तर पुस्तिका : साप्ताहिक, मासिक, अर्द्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षा की जांच अनिवार्य रूप से की जायेगी. साथ ही छात्र-छात्राओं को अवलोकन के लिए दिया जायेगा. छात्र-छात्राओं को यह भी बताया जायेगा कि उनकी उत्तर पुस्तिका में कौन-कौन सा उत्तर गलत होने के कारण उन्हें न्यूनतम अंक प्राप्त हुआ है, ताकि वो भविष्य में इसकी पुनरावृति नहीं करेंगे. साथ ही वैसे प्रश्न जिसमें अधिकतर छात्र-छात्राओं ने गलत उत्तर दिये हैं. उनको कक्षा में पुन: पढ़ाया जायेगा. विभिन्न परीक्षाओं में प्रत्येक विषय के टॉप थ्री छात्र-छात्राओं की उत्तर पुस्तिका को अनिवार्य रूप से पुस्तकालय में रखा जायेगा.
हिंदी-अंगरेजी भाषा में छात्रों से लिखवाया जायेगा निबंध :हिंदी एवं अंगरेजी भाषा में सुधार के लिए प्रत्येक छात्र-छात्राओं से प्रत्येक बुधवार को एक-एक घंटे क्रमवार निबंध लिखवाया जायेगा. विशेष कक्षाओं के माध्यम से प्रत्येक शनिवार एवं रविवार को विषयवार कमजोर छात्र-छात्राओं के लिए विशेष पठन-पाठन का इंतजाम किया जायेगा.
अभिभावकों को दी जायेगी बैठक में जानकारी : प्रत्येक वर्ष जून, सितंबर, दिसंबर एवं मार्च महीने के तृतीय सप्ताह के गुरूवार को अभिभावकों की बैठक होगी. इसमें आवश्यकता अनुसार बच्चों के संदर्भ में अभिभावकों को जानकारी एवं सुझाव दिये जायेंगे.
वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे पूर्व के प्रश्न पत्र : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के वेबसाइट पर पूर्व में हुए परिक्षा के प्रश्न पत्र उपलब्ध कराये जायेंगे. जिनका उपयोग विद्यालय द्वारा परीक्षा के लिए किया जायेगा. मैट्रिक-इंटरमीडिएट की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं के सवालों के जवाब देने के लिए काउंसेलिंग की व्यवस्था की जायेगी. यह काउंसेलिंग प्रत्येक शनिवार को किया जायेगा.
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