सिर्फ बयानबाजी तक सिमटा मुद्दा
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सैर सपाटे के बहाने आकर लेते हैं भारत की नागरिकता!
सिर्फ बयानबाजी तक सिमटा मुद्दा देवघर : बंगलादेश के बॉर्डर इलाकों में घुसपैठ व जाली नोट के कारोबार पर सरकार तनिक भी गंभीर नहीं है. यह मामला अब तक सिर्फ बयानबाजी तक ही सिमित रह गयी है. जबकि एक साजिश के तहत घुसपैठ व जाली नोट के कारोबार के जरिये भारत की अर्थव्यवस्था को बिगाड़ने […]
देवघर : बंगलादेश के बॉर्डर इलाकों में घुसपैठ व जाली नोट के कारोबार पर सरकार तनिक भी गंभीर नहीं है. यह मामला अब तक सिर्फ बयानबाजी तक ही सिमित रह गयी है. जबकि एक साजिश के तहत घुसपैठ व जाली नोट के कारोबार के जरिये भारत की अर्थव्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास हो रहा है. बता दें कि झारखंड व पश्चिम बंगाल के कई इलाके हैं जहां बंगलादेश से लोग सैर सपाटे के बहाने आते हैं और यहां की नागरिकता लेकर बस जाते हैं.
कुछ वर्ष पहले झारखंड के डीजीपी ने इस मामले पर जांच के आदेश दिये थे. जांच भी हुआ लेकिन उसपर कोई विशेष कार्रवाई नहीं हो पायी. इस मामले में एक मुख्य आरोपित मुखिया अब भी पुलिस की पकड़ में नहीं आ सका है. ऐसे घुसपैठिये झारखंड के राजमहल, बरहेट, पाकुड़ व पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जैसे इलाकाें में भरे पड़े हैं. लोगों की मानें तो अगर इस पर लगाम नहीं लगाया गया तो आने वाले दिनों में यह भारी सिरदर्द साबित होने वाला है.
झारखंड व पश्चिम बंगाल में बड़ा सिंडिकेट कर रहा ऑपरेट
कैसे यहां बसते हैं बंगलादेशी
बंगलादेश झारखंड व पश्चिम बंगाल से बिल्कुल सटा हुआ है. एक सुनियोजित साजिश के तहत बेझिझक इन घुसपैठियों को आधार कार्ड, वोटर कार्ड व राशन कार्ड स्टेबलिस्ट कराया जा रहा है. इन घुसपैठियों को पहचानना भी मुश्किल होता है. क्योंकि ये बंगला बोलते हैं जो यहां के लिए स्थानीय भाषा है.
कुछ राजनेताओं व पंचायत जनप्रतिनिधि भी शामिल
बंगलादेशियों को झारखंड व पश्चिम बंगाल में बसाने के लिए एक बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा है. इसमें कुछ पंचायत जनप्रतिनिधि, ब्लाॅक में काम करने वाले कुछ कर्मी व बिचौलिये भी शामिल हैं. इन्हें कई राजनेताओं का भी बरदहस्त प्राप्त है.
केंद्र के नेता नहीं करते जिक्र
एक बड़ा सवाल यह है कि इन दिनों साहिबगंज इलाके में नमामि गंगे परियाेजना चल रही है. इस कारण बड़े नेताओं का आगमन भी जिले में खूब हो रहा है. इस मसले पर केंद्र की नजर भी इस इलाके पर पैनी है. लेकिन इस इलाके की बड़ी समस्या घुसपैठ व जाली नोट के कारोबार पर कभी जिक्र नहीं किया जाता. जबकि समय-समय पर यहां जाली नोट पकड़े जाते हैं.
सांसदों ने लोस में उठाये सवाल : इसी माह गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे ने लोकसभा में इस इलाके की इस बड़ी समस्या से संबंधित प्रश्न शून्यकाल में उठाया है. उन्होंने मांग भी की है कि इस घुसपैठ को रोकने के लिए एक कड़ा कानून बनना चाहिए. यह नयी बात नहीं है. इसके पहले भी राजमहल सांसद विजय हांसदा ने भी केंद्र में इस बात का जिक्र किया है लेकिन अब तक इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा.
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