मधुपुर : स्थानीय अग्रसेन भवन सभागार में रविवार को चाइल्ड राइटस एलायंस के बैनर तले बाल मजदूरी के उन्मूलन के विषय पर राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार की अध्यक्षता बद्री प्रसाद साह ने की. मौके पर लुकमान अंसारी ने झारखंड के माटी के रंगा जोहार जंगल जमीन के करउ अपन अधिकार गीत गाकर सेमिनार की शुरुआत की. मौके पर धनश्याम ने सेमिनार का विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि झारखंड में भीख नहीं मांगना व भीख नहीं लेने की संस्कृति रही है.
उन्होंने कहा कि जब हम अपनी जमीन से उजड़ने लगे और संस्कृति पर कुठाराघात हुआ. प्रकृति के अंधाधुंध दोहन ने समाज और परिवार से आजीविका छीन ली. उन्होंने कहा कि खेती-किसानी बरबाद होने से स्वालंबन की प्रक्रिया नष्ट हुई और बाजार खाद पर निर्भरता बढ़ गयी. बीड़ी उद्योग, क्रशर, कारखाना में बाल मजदूरी हो रही है. उन्होंने कहा कि बाल मजदूरी उन्मूलन समाज में जागरूकता और शिक्षा से ही संभव है. अरविंद कुमार ने कहा कि परिवार खुशाहाल होगा तभी बाल मजदूरी खत्म होगी. उन्होंने कहा कि समाजिक परिवर्तन के साथ सरकारी निति बनाते समय बच्चों का ध्यान रखना चाहिए. पूर्वी सिंहभूम से आये सिद्वेश्वर ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं. लेकिन उन्हें संसाधन की तरह इस्तेमाल किया जाता है.
कल्याणी मीना ने कहा कि विभिन्न जिलो में बाल मजदुरों की संख्या पता कर परिवार के स्वालंबन सरकारी कल्याणकारी योजना के लिए सरकार से वार्ता करने की जरूरत है. मौके पर अब्दुल शुभान, एमेलिया हासंदा समेत साहेबगंज, गिरिडीह, पाकुड़, दुमका, देवघर, हजारीबाग, धनबाद, बोकारो, रांची, गुमला, चतरा, सिमडेगा, लोहरदगा, पलामु, लातेहार, जामताडा, रामगढ आदि जगहों के दर्जनों प्रतिभागी सेमिनार में शामिल हुए. मंच का संचालन अबरार ताबिंदा ने किया.