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किसे पुलिस ने बनाया आरोपित, नहीं है स्पष्ट

देवघर: मलेमास मेला की पहली सोमवारी की सुबह मानसिंघी फुटओवर ब्रिज प्रवेश द्वार के समीप बजरंगबली मंदिर के पीछे 11 हजार वोल्ट करंट से जसीडीह थाना क्षेत्र के कुशमिल गांव निवासी तीर्थ पुरोहित सूर्यकांत राजहंस (40) की हुई मौत मामले की प्राथमिकी नगर थाने में दर्ज कर ली गयी है. किंतु आरोपित के कॉलम में […]

देवघर: मलेमास मेला की पहली सोमवारी की सुबह मानसिंघी फुटओवर ब्रिज प्रवेश द्वार के समीप बजरंगबली मंदिर के पीछे 11 हजार वोल्ट करंट से जसीडीह थाना क्षेत्र के कुशमिल गांव निवासी तीर्थ पुरोहित सूर्यकांत राजहंस (40) की हुई मौत मामले की प्राथमिकी नगर थाने में दर्ज कर ली गयी है. किंतु आरोपित के कॉलम में पहली बार स्पष्ट नाम अंकित नहीं है. आखिर पुलिस ने किसे आरोपित बनाया है, यह पता नहीं चल पा रहा है.

मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में सूर्यकांत की पत्नी रीना देवी के आवेदन पर नगर थाना कांड संख्या 637/15 भादवि की धारा 304(ए), 338, 34 दर्ज किया गया है. प्राथमिकी के आरोपित के कॉलम में पुलिस द्वारा ‘विद्युत बोर्ड एवं मंदिर प्रबंधन बोर्ड की लापरवाही के कारण’ अंकित किया गया है. रीना के आवेदन में जिक्र है कि उनके पति हर दिन की भांति 22 जून की सुबह छह बजे मंदिर पहुंचे थे. यात्री को पूजा कराने मानसिंघी फुटओवर ब्रिज के समीप कतार में लगाये थे. उसी दौरान प्रबंधन बोर्ड द्वारा लगाये गये ग्रील छूने से उनके पति को करंट लग गया और घटनास्थल पर ही मौत हो गयी थी. विद्युत बोर्ड व प्रबंधन बोर्ड की लापरवाही से उक्त ग्रील में करंट का प्रवाह हो रहा था. इसी वजह से पति की असामयिक मौत हो गयी, जिससे उनके बच्चे अनाथ हो गये व खुद विधवा हो गयी. उक्त कृत्य में शामिल दोषियों पर कार्रवाई कर न्याय दिलाने की गुहार थाना प्रभारी से लगायी है.

अभियुक्त के कॉलम में लिखा जाना चाहिए था कि प्रबंधन बोर्ड व विद्युत बोर्ड का वह अज्ञात कर्मचारी जिसे जिम्मेवारी थी. ऐसा नहीं लिखना थाना प्रभारी के पार्ट में त्रुटि है. मामले में इस अधिनियम के तहत अविलंब दोषियों को चिह्न्ति कर गिरफ्तारी करनी थी.
अशोक राय, वरिष्ठ अधिवक्ता, देवघर कोर्ट
बाबा मंदिर में विद्युत करंट से मौत होना दुखद है, लेकिन पुलिस द्वारा एफआइआर के आरोपित के कॉलम में विद्युत बोर्ड व मंदिर प्रबंधन बोर्ड की लपरवाही का कारण दर्शाना कानून सम्मत नहीं है. विभागीय कर्मियों का नाम जांच के बाद संशोधन कर आरोपित कॉलम में अंकित करना विधि के अनुरूप बनता है.
– प्रणय कुमार सिन्हा, महासचिव जिला अधिवक्ता संघ, देवघर.

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