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भवन बनकर तैयार, यात्रियों को नहीं मिल रही पनाह

मधुपुर: एक योजना पूरी होते ही पुरानी योजना का क्या हश्र होता है इसकी बानगी है प्रखंड क्षेत्र के भिरखीबाद मोड़ के निकट मधुपुर-गिरिडीह मुख्य पथ पर अवस्थित मार्गीय सुविधा भवन. राहगीरों व वीआइपी के विश्रम के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से बनाया यह भवन उदघाटन के चार साल बाद भी […]

मधुपुर: एक योजना पूरी होते ही पुरानी योजना का क्या हश्र होता है इसकी बानगी है प्रखंड क्षेत्र के भिरखीबाद मोड़ के निकट मधुपुर-गिरिडीह मुख्य पथ पर अवस्थित मार्गीय सुविधा भवन. राहगीरों व वीआइपी के विश्रम के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से बनाया यह भवन उदघाटन के चार साल बाद भी लोगों के लिए नहीं चालू हो पाया है. इस मार्गीय भवन का उदघाटन 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अजरुन मुंडा द्वारा किया गया. आज तक इस भवन में एक भी यात्रियों के ठहराव व उन्हें मिलने वाली सुविधा नहीं दी गयी है.

बताया जाता है कि उक्त भवन को किसी निजी व्यक्ति को लीज पर दिया गया है. लेकिन अब तक इस भवन में ताला लटका हुआ है. मार्गीय सुविधा भवन में रखा उपस्कर और सामग्री धीरे-धीरे धूल फांक रहा है. उदघाटन के बाद इन चार सालों में सरकारें भी बदली, जनप्रतिनिधि भी बदले व प्रशासनिक पदाधिकारी भी. लेकिन, इस बहुउद्देश्यीय भवन को चालू करने में किसी ने ना तो रुचि दिखायी और ना ही तत्परता. जिस कारण यह भवन अब भी बंद पड़ा हुआ है.

..तो राहगीरों को मिलती सुविधाएं
मधुपुर-गिरिडीह मुख्य पथ में दिन भर यात्रियों का आना-जाना लगा रहता है. रांची, धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर समेत झारखंड के अलावा अन्य राज्य के विभिन्न प्रांतों में इस मार्ग से यात्रियों का आवागमन होता है. शाम होते ही वीरानी छा जाने पर यात्रियों के ठहराव की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग सूरज ढलने के बाद जितनी जल्दी हो सके अपने गंतव्य तक पहुंचने की कोशिश में रहते हैं. कई वाहन रात में भी चलते हैं. ऐसे में अगर यह भवन चालू हो गया होता तो यात्रियों को काफी सुविधाएं मिलती.
श्रवणी मास में होता उपयोगी
लगभग डेढ़ महीने बाद श्रवणी मेला आरंभ होने वाली है. इस दौरान लाखों की संख्या में देश-भर से श्रद्धालुओं का आना-जाना होता है. सड़क मार्ग से भी काफी संख्या में श्रद्धालु देवघर पहुंचते हैं. यदि यह बहुउद्देश्यीय भवन श्रवणी मेला से पूर्व चालू हो जाता तो शायद भवन की उपयोगिता भी रह जाती व लोगों को फायदा भी मिलता.
कहते हैं मंत्री
मार्गीय सुविधा भवन बनाने के लिए गलत जगह का चयन किया गया है. सुनसान रास्ते में भवन यात्रियों के लिए सुरक्षित नहीं है. फिर भी भवन बना है तो उसे उपयोग में लाने के लिए प्रयास करेंगे.
राज पलिवार, श्रम नियोजन मंत्री

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