देवघर: गवर्नमेंट टीचर ट्रेनिंग कॉलेज देवघर व सिदो-कान्हू मुमरू विश्वविद्यालय दुमका के अधीन देवघर, साहिबगंज, गोड्डा, पाकुड़, दुमका में बीएड कोर्स चला रहे पांच कॉलेजों में आवश्यक मापदंड को पूरा नहीं किया जा रहा है. नतीजा नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीइ) ने डिग्री की मान्यता पर रोक लगा दी है. एनसीटीइ द्वारा रोक लगाये […]
देवघर: गवर्नमेंट टीचर ट्रेनिंग कॉलेज देवघर व सिदो-कान्हू मुमरू विश्वविद्यालय दुमका के अधीन देवघर, साहिबगंज, गोड्डा, पाकुड़, दुमका में बीएड कोर्स चला रहे पांच कॉलेजों में आवश्यक मापदंड को पूरा नहीं किया जा रहा है. नतीजा नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीइ) ने डिग्री की मान्यता पर रोक लगा दी है.
एनसीटीइ द्वारा रोक लगाये जाने की वजह से देवघर सहित संताल परगना के चिह्न्ति कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 15-17 में दाखिले की प्रक्रिया आरंभ नहीं की गयी है. एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार नये शैक्षणिक सत्र की पढ़ाई जुलाई से आरंभ होनी है. मिली जानकारी के अनुसार उक्त कॉलेजों में निर्धारित मापदंड का अनुपालन का निर्देश एनसीटीइ द्वारा दिया गया था. बार-बार की चेतावनी के बाद भी मापदंड पर खरा नहीं उतरा. नतीजा एनसीटीइ ने मान्यता पर रोक लगा दी थी.
एनसीटीइ द्वारा कार्रवाई किये जाने के बाद कॉलेज प्रशासन अपील में गये. अपील में पूरे मामले पर सुनवाई के बाद कॉलेजों का इंस्पेक्शन कराने का निर्णय लिया गया. इंस्पेक्शन के लिए सभी कॉलेजों को 50-50 हजार रुपये जमा करने का निर्देश दिया गया है. अब कॉलेज प्रशासन पर निर्भर करता है कि इंस्पेक्शन के लिए कब राशि जमा की जाती है और कब टीम को बुलाया जाता है.
प्राइवेट कॉलेजों के भरोसे हैं छात्र-छात्राएं
सिदो-कान्हू मुमरू विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कॉलेजों में बीएड कोर्स की मान्यता पर ग्रहण लगने के बाद संताल परगना के छात्रों का भविष्य अब प्राइवेट बीएड कॉलेज पर टिक गया है. आंकड़ों पर गौर करें तो चालू शैक्षणिक सत्र में एनसीटीइ ने हिंदी विद्यापीठ बीएड कॉलेज देवघर को मान्यता प्रदान की है. इससे पहले देवघर में डीपसर कॉलेज ऑफ एजुकेशन, जसीडीह बीएड कॉलेज, मौर्यावाला बीएड कॉलेज जसीडीह, चाणक्या टीचर ट्रेनिंग कॉलेज मधुपुर, राहत बीएड कॉलेज मधुपुर, मधुस्थली विद्यापीठ बीएड कॉलेज मधुपुर में बीएड कोर्स की पढ़ाई हो रही है. सभी कॉलेजों में 100-100 सीटें निर्धारित है.
वीसी ने कहा
एनसीटीइ द्वारा इंस्पेक्शन के लिए निर्धारित राशि जमा करने का आदेश कॉलेजों को दिया गया है. यह गुड साइन है. एनसीटीइ द्वारा मान्यता दिये जाने के बाद दाखिले की प्रक्रिया कॉलेजों में आरंभ होगी.
– डॉ कमर अहसान, कुलपति
एसकेएम विश्वविद्यालय दुमका