संवाददाता, देवघर . इग्नू का 38वां दीक्षांत समारोह तक्षशिला विद्यापीठ में बुधवार को आयोजित किया गया. समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान टेलीकॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़़े और डिग्रीधारकों को संबोधित किया. समारोह के माध्यम से कुल 5235 विद्यार्थियों को स्नातक, स्नातकोत्तर, पीजी डिप्लोमा व डिप्लोमा की उपाधियां प्रदान की गयी. जिनमें 134 विद्यार्थी सशरीर उपस्थित होकर सम्मानित हुए. अतिथि देवघर एम्स के कार्यकारी निदेशक सह सीइओ प्रोफेसर डॉ सौरभ वार्ष्णेय के द्वारा डिग्रियां प्रदान की गयी. क्षेत्रीय केंद्र, देवघर की तरफ से वार्षिक रिपोर्ट क्षेत्रीय निदेशक डॉ पी सरथ चंद्र ने पेश की. अपनी रिपोर्ट में उन्होंने अध्ययन केंद्र की उपलब्धियों को गिनाते हुए दो नये अध्ययन केंद्रों की स्थापना की सूचना साझा की. इन दो अध्ययन केंद्रों में एम्स देवघर और मयूराक्षी ग्रामीण महाविद्यालय, दुमका में नये अध्ययन केंद्र की स्थापना शामिल है. उन्होंने बताया की विगत् वर्ष में नामाकन में वृद्धि होने से कुल छात्रों की संख्या वर्ष 2024 में 14276 हो गयी है. अतिथि प्रोफेसर डॉ सौरभ वार्ष्णेय ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी पाना नहीं. बल्कि व्यक्तित्व के विकास का साधन भी है. समावेशी विकास व शिक्षा ही इग्नू का मुख्य उद्देश्य है. उन्होंने जल्द ही एम्स में इग्नू के सहयोग से एमबीए इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट प्रोग्राम शुरू करने की इच्छा व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इग्नू ने कोविड जैसे महामारी के समय में भी तकनीक के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता को बनाये रखा. विशिष्ट अतिथि अशोकानंद झा ने कहा कि आज दूरस्थ शिक्षा का समय है. इसके द्वारा ई-लर्निंग सभी ओर चल रहा है. कोरोना के समय और ग्लोबलाइजेशन के कारण तकनीकी शिक्षा और ई-लर्निंग अपरिहार्य बना. कार्यक्रम में हिंदी विद्यापीठ बीएड कॉलेज की प्राचार्य डॉ आशा मिश्रा, इग्नू अध्ययन केंद्र, हिन्दी विद्यापीठ, देवघर के कार्यक्रम प्रभारी डॉ रितु रानी, इग्नू अध्ययन डॉ जगन्नाथ मिश्रा कॉलेज के सहायक समन्वयक डॉ अनंत सिन्हा आदि उपस्थित थे.
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