मगर घोषणा के दो सप्ताह बाद भी पुलिस कर्मियों को किसी तरह की कोई ट्रेनिंग शुरू नहीं की गयी. वहीं देवघर आने के बाद एसपी ने प्रशासन व पुलिस पदाधिकारियों तथा वाहन मालिक एसोसिएशन के साथ बैठक कर शहर में वाहनों के परिचालन को लेकर कई तरह की घोषणाएं व जुर्माना की बातें कही थी. उक्त सभी घोषणाएं धरातल पर नहीं उतरी.
इससे पुलिस प्रशासन की घोषणाओं की खिल्ली उड़ रही है. उल्टे फैसलों के धरातल पर न उतरने से शहरवासी रोज की तरह ट्रैफिक जाम से जूझने को मजबूर हो रहे हैं. साथ ही शहर के चौक-चौराहों पर वाहनों की अवैध पार्किग की समस्या से भी लोगों को जूझना पड़ा. जबकि समस्याओं से निजात दिलाने के लिए कोई भी पदाधिकारी सड़कों पर नजर नहीं आते. इन सभी कारणों से शहरवासी पहले की तरह आज भी अपनी किस्मत पर तरस खाते नजर आये.