देवघर: झारखंड-बिहार और बंगाल के मुख्य पर्यटन स्थलों में केंद्र सरकार मे पीआइडीडीसी (प्रोडक्ट इनफ्रास्ट्रर डेवलपमेंट ऑफ डेस्टिनेशन एंड सर्किट स्कीम)के तहत आधारभूत संरचना का विकास करेगी.
इस आलोक में केंद्र सरकार ने टूरिस्ट सर्किट को वकसित करने के लिए तकरीबन 100 करोड़ की वित्तीय सहायता भी दे दी है. अब इस राशि से पर्यटन स्थलों पर आधारभूत संरचना का विकास, पर्यटन क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ेगी, नयी चीजें जो पर्यटकों को लुभायेगी, स्थापित होगी. आने वाले समय में झारखंड में पर्यटक टूरिस्ट सर्किट का आनंद उठा पायेंगे.
केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री डॉ के चिरंजीवी ने कहा है कि पर्यटन विकास का मामला मूलत: राज्य सरकार का मामला है. फिर भी केंद्र सरकार ने झारखंड-बिहार-बंगाल में टूरिस्ट सर्किट को विकसित करने के लिए वित्तीय सहायता की स्वीकृति दी है. केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि 10वीं पंचवर्षीय योजना के तहत साहिबगंज-राजमहल, त्रिकुट पर्वत, पारसनाथ, मसानजोर आदि के लिए भी राशि दी गयी है. तारापीठ के लिए पश्चिम बंगाल सरकार डीपीआर तैयार कर रही है.
जमीन की तलाश चल रही है.
ज्ञात हो कि देवघर में मेगा टूरिस्ट डेस्टिमेशन के तहत आधारभूत संरचना के लिए कई विकास कार्य को स्वीकृति मिली है. देवघर में एअरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया 350 करोड़ की लागत से एयरपोर्ट का निर्माण करवा रही है. वहीं 25 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए क्यू कांप्लेक्स का निर्माण भी होना है. राष्ट्रपति ने इसका शिलान्यास भी कर दिया है. इस तरह टूरिस्ट डेवलपमेंट के कई कामों की स्वीकृति मिली है. इसमें राज्य सरकार और केंद्र सरकार की भागीदारी है.
संसद में अंडर रूल 377 के तहत मैंने झारखंड-बिहार-बंगाल के प्रमुख पर्यटन स्थल को मिलाकर एक टूरिस्ट सर्किट डेवलप करने की मांग केंद्र सरकार से की थी. जिसमें देवघर, पारसनाथ, मसानजोर, त्रिकुट, बासुकिनाथ, तारापीठ, साहिबगंज-राजमहल आदि में आधारभूत संरचना के विकास के लिए केंद्रीय सहायता मांगी थी. केंद्र ने लगभग 100 करोड़ की सहायता दी है. इसके लिए डॉ के चिरजीवि बधाई के पात्र हैं. इससे यह पूरा इलाका मेगा टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित होगा. रोजगार की संभावनाएं बढ़ेगी. आर्थिक दृष्टि से इलाका समृद्ध होगा.
-निशिकांत दुबे, सांसद, गोड्डा लोकसभा