देवघर सेंट्रल जेल के कई बंदियों के परिजनों को मिलाया जाता है रोजाना
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कई लोकल बंदियों का जेल में हर दिन बाहर से जाता है खाना, बदले में मिलता है नजराना
देवघर सेंट्रल जेल के कई बंदियों के परिजनों को मिलाया जाता है रोजाना सुरक्षाकर्मियों को पैसा देते वीडियो वायरल प्रभात खबर नहीं करता है वायरल वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि देवघर : देवघर सेंट्रल जेल में मेन्यूअल को ताक पर रखकर कई बंदियों के परिजनों को रोजाना मुलाकात कराया जा रहा है. इसके एवज में […]
सुरक्षाकर्मियों को पैसा देते वीडियो वायरल
प्रभात खबर नहीं करता है वायरल वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि
देवघर : देवघर सेंट्रल जेल में मेन्यूअल को ताक पर रखकर कई बंदियों के परिजनों को रोजाना मुलाकात कराया जा रहा है. इसके एवज में सुरक्षा कर्मियों को नजराना मिलता है. मुलाकाती का समय सुबह आठ से 11:50 बजे तक है, बावजूद कुछ ऐसे बंदियों के परिजन कारा पहुंचते हैं, जिन्हें हर दिन कभी भी मुलाकात करा दिया जाता है.
पूरी जानकारी रहने के बाद भी जेल प्रशासन इस मसले पर कोई कार्रवाई नहीं करती है. सूत्रों पर भरोसा करें तो जेल गेट पर अगर कोई सुरक्षाकर्मी विरोध जताते हैं तो उन्हें साइड कर अन्य जगह भेज दिया जाता है. नियम के मुताबिक एक बंदी से सप्ताह में एक बार मिलाने का प्रावधान है.
वहीं बंदी से एक साथ तीन ही मुलाकाती को मिलाने का प्रावधान है. इन सब नियम को दरकिनार कर कुछ ऐसे बंदी हैं, जिनके परिजनों को खाना देने के बहाने हर दिन मुलाकात कराया जाता है. एक सप्ताह पूर्व तक करीब 11 बंदियों का भोजन बाहर से जा रहा था. बाहर से जिन बंदियों का भोजन भेजा जाता था, उनमें पांच नगर थाना के एक चर्चित आर्म्स एक्ट के बंदी व जसीडीह थाना चकाई मोड़ एटीएम से 51 लाख चोरी कांड के बंदी शामिल थे. इधर, तीन-चार दिनों में पांच-छह बंदी जमानत पर छूट गये.
बावजूद कई बंदियों का हर दिन तीन टाइम का भोजन बाहर से ही जा रहा है. कुंडा के एक फायरिंग मामले के बंदी का भी प्रतिदिन भोजन लेकर मां व पत्नी सेंट्रल जेल पहुंचती है और उनलोगों को प्रतिदिन मुलाकात भी कराया जाता है. मुलाकात के लिए वैसे रास्ते से साइड कर अंदर ले जाया जाता है, जहां तक सीसीटीवी की नजर नहीं पहुंच पाती है. किनारे से ले जाकर उनलोगों को मुलाकात कराया जाता है. देवघर सेंट्रल जेल परिसर में बंदी के परिजनों द्वारा सुरक्षाकर्मियों को रुपये देते एक वीडियो भी वायरल हुआ है. हालांकि बंदी के परिजन सुरक्षाकर्मी को क्यों रुपये देते हैं, यह पता नहीं है.
सवाल उठता है कि परिजन बंदी के लिए क्यों पैसे भेजेंगे. हालांकि प्रभात खबर उस वायरल वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है. सूत्रों पर भरोसा करें तो कई चर्चित बंदियों के लिए खाना की आड़ में छिपाकर तंबाकू, सिगरेट, पुड़िया व अन्य नशीला पदार्थ भी भेजा जाता है. इसे पहुंचाने का खर्च भी दिया जाता है. जानकारी हो कि जेल में बाहर से कई बार शराब, गांजा फेंके जाने का मामला सामने आता रहा है. छापेमारी में सिगरेट, तंबाकू व मोबाइल आदि भी मिलता रहा है.
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