देवघर: पिछले चार माह से देवघर में रुकी पड़ी जमीन की रजिस्ट्री शुरू हो गयी है. चार माह से देवघर निबंधन कार्यालय में केवल बसौड़ी किस्म की जमीन की रजिस्ट्री हो रही थी. शेष अन्य प्रकार की जमीन की रजिस्ट्री पर तत्कालीन डीसी द्वारा रोक लगा दी गयी थी.
डीसी ने इस मामले में लीगल एडवाइस मांगा था. करीब चार माह से जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगने से देवघर में एलए, कामत, बकास्त व लाखराज किस्म की जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो रही थी. इससे हर माह सरकार को लाखों रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा था. पिछले दिनों वर्तमान डीसी अमीत कुमार व अवर निबंधक प्रफुल कुमार की हुई समीक्षा बाद पुन: डीसी ने पूर्व की तरह जमीन की रजिस्ट्री चालू करने का मौखिक निर्देश दिया है. इसके बाद से देवघर निबंधन कार्यालय में बसौड़ी समेत एलए, कामत, बकास्त व लाखराज जैसी सेलेबुल जमीन की रजिस्ट्री शुरू हो गयी है.
घोटाले वाली जमीन रजिस्ट्री के दायरे में नहीं : इसमें देवघर भूमि घोटाला में शामिल जमीन रजिस्ट्री के दायरे से बाहर रहेगी. देवघर भूमि घोटाला में अधिकांश एलए की जमीन है. बताया जाता है कि एलए की जमीन को लेकर ही पिछले चार माह से देवघर में जमीन की रजिस्ट्री रुकी पड़ी थी. हालांकि घोटाले में शामिल जमीन पर पहले ही किसी प्रकार का दस्तावेज जारी करने पर रोक है. इसलिए निबंधन कार्यालय घोटाला वाली जमीन को हाथ तक नहीं लगाने वाली है.
‘ कामत, एलए, लाखराज व बकास्त जैसी जमीन की रजिस्ट्री पर कोई लिखित रोक नहीं थी. समीक्षा के बाद उपायुक्त के मौखिक आदेश पर रजिस्ट्री चालू है. इन किस्मों की जमीन की रजिस्ट्री के लिए चार माह से कोई आवेदन भी प्रस्तुत नहीं किया गया था, इसलिए भी इन किस्मों की जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो रही थी. वैसे सीबीआइ जांच के दायरे वाली जमीन पर रजिस्ट्री नहीं होगी’
– प्रफुल कुमार, अवर निबंधक, निबंधन कार्यालय, देवघर