देवघर : चार दिवसीय चैती छठ का नहाय-खाय मंगलवार से शुरू हो रहा है. मंगलवार को प्रात: सूर्योदय के बाद व्रती विभिन्न नदी-तालाबों, डैमों, जलाशयों व घरों में स्नान-ध्यान के बाद भगवान की पूजा-अर्चना करेंगी. इसके बाद भगवान सूर्य से शक्ति व व्रत निर्विघ्न संपन्न हो, इसकी कामना करेंगी. फिर घर में कद्दु, भात तैयार […]
देवघर : चार दिवसीय चैती छठ का नहाय-खाय मंगलवार से शुरू हो रहा है. मंगलवार को प्रात: सूर्योदय के बाद व्रती विभिन्न नदी-तालाबों, डैमों, जलाशयों व घरों में स्नान-ध्यान के बाद भगवान की पूजा-अर्चना करेंगी. इसके बाद भगवान सूर्य से शक्ति व व्रत निर्विघ्न संपन्न हो, इसकी कामना करेंगी.
फिर घर में कद्दु, भात तैयार कर इसे भगवान को अर्पित करेंगी अौर उसके बाद उसे ग्रहण करेंगी. इसके बाद खरना की तैयारी शुरू कर दी जायेगी. खरना बुधवार को है. वहीं गुरुवार को अस्ताचलगामी व शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा.
आज से छठ के गीत गूंजने लगेंगे
मंगलवार से छठ के गीत गूंजने लगेंगे. छठ के परंपरागत गीत कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाय…, नैहर मांगी ला भाई रे भतीजवा, ससुरा सकल परिवार ये छठी, अपना के मांगीला अवध सिन्होरवा, जन्म जन्म अहिवात ये छठी मइया…, सभवा बैठन के बेटा मांगीला, डोलिया चढ़न के पतौह ये छठी मइया , रुनुकी झुनुकी एक बेटी मांगीला- घोड़वा चढ़न के दामाद ये छठी मइया के अलावा अन्य लोकगीत बजने लगेंगे.