देवघर : अगर आप ममता वाहन के भरोसे हैं, तो आपको परेशानी हो सकती है. आप दूसरे वाहन का इंतजाम कर लें. सुरक्षित प्रसव तथा गर्भवती-धातृ महिला व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से चलाये गये ममता वाहन की सुविधा लोगों को नहीं मिल पा रही है. जिले के सभी पीएचसी व सीएचसी में 87 ममता वाहन रजिस्टर्ड हैं,
लेकिन इसमें से सिर्फ 20 वाहन ही सुचारु रूप से चल रहे हैं. एक तरफ ममता वाहन के संचालक की मनमानी, तो दूसरी तरफ उन्हें समुचित भाड़ा नहीं मिलने के कारण ममता वाहन संचालक वाहन चलना नहीं चाह रहे हैं.
सहिया द्वारा कॉल सेंटर को सूचना दी जाती है, तो कॉल सेंटर के संचालक ममता वाहन के चालक को इसकी जानकारी देते हैं. इसके बाद ममता वाहन अपनी सुविधानुसार जाता है. ऐसे में मरीज ममता वाहन के भरोसे रहे, तो उन्हें पछताना पड़ सकता है.
कहते है सीएस
ममता वाहन की सुविधा लोगों को मिल रही है. कुछ वाहन चालकों का कहना है कि दोनों ओर से मुआवजा मिलना चाहिए, लेकिन राज्य सरकार के आदेशानुसार ही ममता वाहन चालकों को भाड़ा दिया जा रहा है. इस कारण कुछ दिक्कतें आ रही है.
-डॉ एससी झा, सिविल सर्जन
बंद है कॉल सेंटर की रात्रि सेवा
देवघर सदर अस्पताल में ममता वाहन के लिए बनाया गया कॉल सेंटर करीब दो माह से रात में बंद रहता है. इससे रात में गर्भवती को ममता वाहन की सुविधा नहीं मिल पा रही है. अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, कॉल सेंटर में दो कर्मियों को लगाया गया है, जो रात्रि करीब आठ बजे तक कॉल सेंटर को बंद कर घर चले जाते हैं. इसके बाद कॉल सेंटर में कॉल आने के बाद कोई रिसीव करने वाला नहीं होता है.
कहां कितने ममता वाहन रजिस्टर्ड
प्रखंड रजिस्टर्ड वाहन कितने चल रहे
देवघर 14 04
सारवां 01 01
सोनारयठाढ़ी 00 00
सारठ 00 00
मोहनपुर 12 03
मधुपुर 11 05
करों 11 01
मारगोमुंडा 04 02
देवीपुर 00 00
पालोजोरी 34 04
कहां है दिक्कत
ममता वाहन के संचालक चलाते हैं अपनी मनमानी
सहिया के कॉल करने के बाद भी नहीं आता ममता वाहन
ममता वाहन को मरीज अस्पताल पहुंचाने के लिए सिर्फ एक तरफ से ही दिया जाता है किराया
कॉल सेंटर से वाहन चालकों को फोन करने पर नहीं करते रिसीव
ममता वाहन संचालक चार पहिया वाहन के रजिस्ट्रेशन करा कर तीन पहिया वाहन का कर रहे उपयोग