देवघर : भारत छोड़ो आंदोलन के 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर बीएड कॉलेज मैदान में पंचायती राज विभाग की ओर से आयोजित संकल्प से सिद्धि सेमिनार का उदघाटन डीसी राहुल कुमार सिन्हा व डीडीसी जन्मेजय ठाकुर ने संयुक्त रूप से किया. इस दौरान जिला परिषद, पंचायत समिति प्रमुख व सदस्य, मुखिया व वार्ड सदस्यों ने भ्रष्टाचार, जातिवाद, संप्रदायवाद, गरीबी, गंदगी व बेरोजगारी मुक्त गांव बनाने का संकल्प लिया गया. डीसी ने कहा कि शपथ के साथ देश व समाज को संकल्प लेकर सिद्धि की तरफ ले जाना है.
यदि हर व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत आकांक्षाओं को त्याग कर समाज के हित में कुछ अच्छा करने का संकल्प ले तो संकल्प से सिद्धि हो पाएगी. डीसी ने कहा कि विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य व स्वच्छता पर मिलकर काम करना होगा. तभी एक पूर्ण विकसित गांव बन पायेगा. ग्राम सभा के जरिये पंचायतीराज व्यवस्था को मजबूत कर सकते हैं. इस दौरान सभी ने शपथ के साथ 2022 तक संपूर्ण विकसित गांव बनाने का संकल्प लिया. मौके पर प्रशिक्षु आइएएस कर्ण सत्यार्थी, पंचायती राज पदाधिकारी प्रवीण कुमार प्रकाश, सभी बीडीओ व सीओ समेत जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति प्रमुख, उपप्रमुख, पंचायत समिति सदस्य, सभी मुखिया, उपमुखिया, वार्ड सदस्य थे.
गांव में संपूर्ण विकास का संकल्प तभी सफल हो पाएगा जब पंचायतीराज को घोषित सारी शक्तियां मिलेंगी. गांव की सरकार अधूरी शक्ति से नहीं चल सकती है. अनुशंसा के बाद भी गांव की कई समस्याओं को हल करने की दिशा में काम नहीं हो पाता है. इस पर कार्यपालिका को ध्यान देना होगा.
– पुष्पा देवी, जिला सदस्य, सारठ
संपूर्ण विकास का संकल्प तो लेते हैं, लेकिन संसाधन भी पर्याप्त होना चाहिए. जिप को फंड मुहैया करा दिया गया, लेकिन सरकार ने पंचायत समिति को वंचित रख दिया. ऐसे में गांव जरूरी काम कैसे होगा. अगली जिप की बैठक में प्रमुख बहिष्कार करेंगे व भाग नहीं लेंगे.
– मुकेश कुमार, प्रमुख, सारवां
पंचायतीराज के प्रति सरकार को थोड़ी और उदारता दिखानी होगी. गांव में पेयजल संकट बना रहता है. मामूली चापनल मरम्मत के लिए पीएचइडी को सूचना देने पर भी गंभीरता नहीं दिखायी जाती है. इन छोटी-छोटी समस्याओं के लिए पंचायत को वित्तीय रूप से सुदृढ़ किया जाना चाहिए.
– सुलेखा देवी, मुखिया, बजूकुरा,
गांव के संपूर्ण विकास का संकल्प तभी सफल होगा जब त्रिस्तरीय पंचायत को बराबर शक्तियां दी जाएंगी. अंतिम व्यक्ति तक काम करने के लिए निचले स्तर तक शक्तियां देनी होंगी. पंचायत में वार्ड को भी वित्तीय शक्ति देनी चाहिए, ताकि ग्राम स्तर पर फैसला लेकर काम किया जाये.
– राम प्रसाद कोल, वार्ड सदस्य, सिकटिया, मधुपुर