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हॉस्टल प्रकरण की पीड़िता आयी सामने, कहा मैं मुंह क्यों छिपाऊं, वे छिपायें जिन्होंने किया मेरे साथ अत्याचार

दुमका: एसपी महिला कॉलेज के हॉस्टल में एक अगस्त को जिस छात्रा को निर्वस्त्र कर प्रताड़ित किया गया था, वह छात्रा अब खुद ही सामने आयी है. उसने कहा : मैं अपना सर क्यों छिपाऊं, सर छिपाने की उन्हें जरूरत है, जिन्होंने मेरे साथ अत्याचार किया. उसने राज्यपाल को एक पत्र भेजा है तथा सरकारी […]

दुमका: एसपी महिला कॉलेज के हॉस्टल में एक अगस्त को जिस छात्रा को निर्वस्त्र कर प्रताड़ित किया गया था, वह छात्रा अब खुद ही सामने आयी है. उसने कहा : मैं अपना सर क्यों छिपाऊं, सर छिपाने की उन्हें जरूरत है, जिन्होंने मेरे साथ अत्याचार किया. उसने राज्यपाल को एक पत्र भेजा है तथा सरकारी अथवा गैर सरकारी किसी भी तरह की नौकरी दिलाने का अनुरोध किया है, ताकि वह आर्थिक व मानसिक रूप से सशक्त होकर स्वावलंबी जीवन व्यतीत कर सके तथा अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सके. उसने आवेदन में कहा है कि वह गरीब परिवार से तालुकात रखती है. उसके साथ जो अमानवीय घटना हुई, उसे देखते हुए लोकलाज के कारण मां-बाप उस पर दवाब बना रहे हैं कि वह घर पर ही रहे.
खेतीबाड़ी कर अपना बाकी का जीवन व्यतीत करे. उसने कहा है कि उसे लग रहा है कि वह अपने घरवालों के लिए बहुत बड़ा बोझ बन चुकी है. उसके कारण परिवार के लोगों को समाज से तरह-तरह की नकारात्मक बातें सुननी पड़ रही है. पीड़िता ने कहा है कि वह घर के अंदर रह कर नहीं, समाज में सिर उठाकर सम्मानपूर्वक जीना चाहती है. किसी पर बोझ नहीं, एक सशक्त, स्वतंत्र एवं स्वावलंबी जीवन जीना चाहती है.
राज्य सरकार व जिला प्रशासन से मिला सहयोग : पीड़िता ने बताया कि उसे इस मामले में राज्य सरकार व जिला प्रशासन से सहयोग मिल रहा है. शुरू में वह अपमानित महसूस करती थी, लेकिन दुमका नगर परिषद‍ अध्यक्ष, जिला परिषद‍ अध्यक्ष व विश्वविद्यालय की सदस्यों ने उसका आत्मविश्वास बढ़ाया, ताकि वह सम्मानपूर्वक जीवन शुरू करने की हिम्मत जुटा सके.
राज्य महिला आयोग ने जांच रिपोर्ट में कहा छात्राओं से गलत कराने की होती है कोशिश, करायें जांच
दुमका. राज्य महिला आयोग ने एसपी महिला कॉलेज, दुमका के हॉस्टल में एक छात्रा को निर्वस्त्र करने व उसके फोटो वायरल किये जाने के मामले की जांच रिपोर्ट एसकेएमयू के कुलपति व जिला प्रशासन को सौंप दी है. जांच रिपोर्ट में कुछ गंभीर टिप्पणी भी की है. आयोग ने जांच के दौरान पाया है कि छात्राओं को बहला-फुसला कर हॉस्टल में लाया जाता है और उसका ब्रेन वॉश किया जाता है. रिपोर्ट में छात्राओं से गलत कार्य कराने की आशंका भी जतायी गयी है.

जिला प्रशासन से इसकी सत्यता की जांच करायें. आयोग की अध्यक्ष जब यहां जांच के लिए पहुंची थी, तब जानकारी मिली थी कि हॉस्टल की लड़कियां रात में दीवार फांद कर निकलती हैं और बाइक में लड़कों के साथ निकल जातीं हैं.

आयोग ने क्या-क्या कहा : राज्य महिला आयोग ने भेजी गयी रिपोर्ट में एसपी महिला कॉलेज के प्राचार्य, वार्डेन एवं दोषी छात्राओं पर कार्रवाई करने की बात कही है. इसके अलावा पीड़ित छात्रा का बयान भी दफा 164 के तहत अदालत में कराने को कहा है.

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