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देवघर रोपवे हादसा : 24 घंटे तक ट्रॉली में लटकते 34 लोगों को किया गया रेस्क्यू, 13 लोग अब भी फंसे

Deoghar Ropeway Hadsa: देवघर स्थित त्रिकुट रोपवे हादसे के दूसरे दिन सोमवार को अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू रोक दिया गया. अब तक 34 लोगों को सकुशल रेस्क्यू किया गया है. वहीं, इस हादसे में दो लोगों की जान चली गयी है. अब भी 13 लोग ट्रॉली में फंसे हुए हैं.

Deoghar Ropeway Hadsa: देवघर त्रिकूट रोपवे हादसे के दूसरे दिन करीब 900 फीट की ऊंचाई में ट्रॉली में फंसे 48 लोगों को रेस्क्यू कर निकालने के लिए भारतीय वायुसेना, ITBP, NDRF, झारखंड पुलिस बल और स्थानीय लोगों ने संयुक्त रूप से अभियान चलाया. दिनभर चले अभियान में कुल 34 लोगों को बाहर निकाला जा सका. शाम होने पर जब अभियान अंतिम चरण में था, तभी बड़ा हादसा हो गया. एयरलिफ्ट करने के दौरान हेलीकॉप्टर में घुसने से पहले एक सेफ्टी बेल्ट खुल जाने के कारण एक युवक 860 फीट नीचे खाई में गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गयी. इस तरह हादसे में मरनेवालों की संख्या अब तक दो हो गयी है. मृतक राकेश मंडल (36 वर्ष) दुमका जिले के सरैयाहाट थाना क्षेत्र स्थित ककनी गांव का रहनेवाला था.

मौत के बाद रुका ऑपरेशन

युवक की मौत के बाद शाम छह बजे रेस्क्यू ऑपरेशन रोक देना पड़ा. इससे पहले सुबह 11 बजे से एयरफोर्स के जवान जहां हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट करने में लगे थे, वहीं स्थानीय लोगों की मदद से NDRF और ITBP की टीम ने मैनुअल रेस्क्यू कर रस्सी के सहारे पांच बच्ची सहित 11 लोगों को ट्रॉली से नीचे उतारा. गृह मंत्रालय के निर्देश पर रांची और कलईकुंड से आये वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू शुरू किया गया. इस दौरान एक-एक कर ट्रॉली में फंसे पर्यटकों को बाहर निकाला जा रहा था. शाम 5:00 बजे वायु सेना के दोनों हेलीकॉप्टर को रेस्क्यू में लगा दिया गया. शाम करीब 5:35 बजे जब एक ट्रॉली में सवार चार लोगों में से दो लोगों को एक हेलीकॉप्टर से निकाल लिया गया था, तो दूसरे हेलीकॉप्टर से मृतक की एक पहचान वाली महिला को पहले निकाला गया. उसके बाद राकेश को रेस्क्यू किया जा रहा था.

स्थानीय पन्नालाल ने संभाला मोर्चा

एयरफाेर्स के हेलीकॉप्टर द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने से पूर्व स्थानीय ग्रामीणों की टीम ने रस्सी और सेफ्टी बेल्ट के साथ कुर्सी के जरिये दो ट्रॉली से 11 पर्यटकों को खुद रेस्क्यू कर सुरक्षित नीचे उतार लिया. इसमें स्थानीय गांव के रहने वाले पन्नालाल लीड रोल निभाते हुए रस्सी के जरिये ट्रॉली पर गये और एक-एक कर दोनों ट्रॉली से 11 पर्यटकों को महिला व बच्चा समेत सुरक्षित नीचे उतारा. पन्नालाल के साथ करीब आठ अन्य ग्रामीण और एनडीआरएफ तथा आइटीबीपी के जवान सहयोग कर रहे थे.

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अब मंगलवार की सुबह शुरू होगा रेस्क्यू

अंधेरा होने के बाद जैसे ही एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर वापस लौट कर नहीं आया, तो पर्यटन मंत्री हफीजुल हसन, आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल, एडीजी आरके मल्लिक, पर्यटन सचिव राहुल कुमार सिन्हा, देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री और एसपी सुभाष चंद्र जाट ने आंतरिक बैठक की. आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि दो ट्रॉली में शेष फंसे हुए लोगों को मंगलवार सुबह ही वायुसेना के हेलीकॉप्टर से निकाला जा सकता है, क्योंकि ट्रॉली काफी ऊंचाई में है. ऐसी परिस्थिति में रात में मैनुअल तरीके से निकालना काफी मुश्किल होगा.

कैसे हुआ हादसा

रेस्क्यू के दौरान राकेश का सेफ्टी बेल्ट खुलकर गर्दन के पास आ गया. राकेश ने अपने हाथों से हेलीकॉप्टर को थाम लिया, लेकिन करीब दो मिनट के बाद हाथ छूट गया और वह नीचे खाई में जा गिरा. घटना के बाद मृतक की पहचान वाली महिला अनिता कुमारी बेहोश हो गयी. इस हादसे के बाद रोपवे के नीचे थोड़ी देर के लिए हंगामे की स्थिति हो गयी. इसके बाद प्रशासन ने मोर्चा संभाल लिया. मृतक के शव को खाई से निकाल कर सदर अस्पताल भेज दिया गया. इस घटना के बाद अगली ट्रॉली में केवल दो लोगों को ही बाहर निकाला जा सका. उसके बाद अंधेरा होने से वायुसेना का रेस्क्यू रोक दिया गया.

रातभर जमे रहे सांसद, अधिकारी व पुलिस बल

रविवार की शाम करीब 4:30 बजे घटना के बाद से ही देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री, एसपी सुभाष चंद्र जाट, एसडीओ दिनेश यादव व अन्य अधिकारी रातभर त्रिकूट रोप-वे के नीचे जमे रहे. वहीं, सांसद डॉ निशिकांत दुबे खाट लगाकर पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर लगाये हुए थे. शाम तक 34 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाले जाने के बाद इन ट्रॉलियों तक पहुंचते-पहुंचते अंधेरा हो गया व हादस भी हो गया, जिस कारण ऑपरेशन बंद हो गया. हालांकि, दोपहर तक तीन ट्रॉलियों में ड्रोन के माध्यम से खाने के लिए कुछ पैकेट, पानी और राहत सामग्री भेजी गयी.

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मृतक समेत 23 घायलों को पहुंचाया गया सदर अस्पताल

रेस्क्यू में बाहर निकाले गये लोगों में 23 घायल महिला एवं पुरुषों को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया. साथ ही एक मृतक भी सदर अस्पताल लाया गया. घटना के बाद देर रात को ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर अस्पताल के सभी डॉक्टरों के साथ कर्मियों के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ यूके चौधरी की ओर अर्लट किया गया था. सोमवार की सुबह छह बजे ही डाॅक्टर समेत सभी स्वास्थ्य कर्मी अस्पताल पहुंच गये थे. दोपहर में रेस्क्यू शुरू होने के बाद घायलों को सदर अस्पताल लाना शुरू किया गया. देर शाम तक 23 घायलों को इलाज के लिए लाया गया. जबकि एक मृतक को सदर अस्पताल लाया गया है.

त्रिकूट रोपवे के केबिन में फंसे लोगों की सूची, जिन्हें किया गया एयरलिफ्ट

– प्रदीप टिबड़ेवाल, मुजफ्फरपुर
– शुभम प्रदीप टिबड़ेवाल, मुजफ्फरपुर
– आशा टिबड़ेवाल, मुजफ्फरपुर
– सोरभ दास, मालदा, बंगाल
– झूमा पाल, मालदा, बंगाल
– देवांग पाल, हरीशचंद्रपुर, मालदा, बंगाल
– वकील महतो, बसडीहा, मोहनपुर
– डोली कुमारी, बसडीहा, मोहनपुर
– पुतुल शर्मा, मानकचंद, मालदा
– नामी दास, हरीशचंद्रपुर, मालदा,
– सुदीप दत्ता, गंगाराम, मादला
– विनय कुमार दास, हरीशचंद्रपुर, मालदा
– अनन्या राज, मुंगेर
– अनु राज, बरीयारपुर, मुंगेर
– कौशल्या देवी, भागलपुर
– नीरज कुमार, भागलपुर
– सिकिल देवी, मुजफ्फरपुर
– सरिता देवी, मोतिहारी
– राकेश कुमार, मोतिहारी
– सिया देवी, मुजफ्फरपुर
– अनिता दासी, सिकारीपाड़ा, दुमका,
– मुन्ना, भागलपुर,
– डिम्पल कुमार, भागलपुर

मृतक
– राकेश कुमार मंडल, ककनीनावाडीह, सरैयाहाट, दुमका.

Posted By: Samir Ranjan.

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