देवघर: ट्रोली के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद त्रिकूट रोकवे के उसी चोटी पर ट्रॉली में फंस गयी. ऊंचाई अधिक होने के कारण तेज हवा और कुहासे से कारण ट्रॉली में बैठे-बैठे काफी डर लग रहा था. ये बातें त्रिकूट रोपवे की ट्रॉली में फंसे शुभम टिबड़ेवाल ने कही.
शुभम ने बताया कि अपने पूरे परिवार के साथ बाबाधाम पूजा करने के लिए आये थे. पूजा का ही फल है कि आज इतनी बड़ी दुर्घटना होने के बावजूद भी भगवान ने पूरे परिवार को बचा लिया. आज के बाद कभी भी रोपवे पर नहीं चढ़ेंगे.
हलक में अटकी थी जान:
त्रिकूट रोपवे में फंसे बंगाल के मालदा, हरीशचंद्र निवासी विनय कुमार दास ने बताया कि ट्रॉली की दुर्घटना के बाद जान हलक में अटकी थी. भगवान ने ही हमें बचाया है. पूजा करने के लिए आये थे.
परिजनों के कहने के कारण त्रिकूट घुमने चले आये थे. शाम करीब साढ़े चार बजे दुर्घटना हो गयी. टाॅप में ट्रॉली में अटके रहे. रात भर बिना हिले-डूले जागे रहे. हवा चलने पर ट्रॉली भी हिलती थी. इससे काफी डर लग रहा था. जान हलक में आ गयी थी. रविवार रात से सोमवार दोपहर दो बजे तक कुछ खाने-पीने का सामान नहीं मिला.
Posted By: Sameer Oraon