चतरा. आक्रमण गंझू टीएसपीसी में 20 वर्ष से सक्रिय था. संगठन के स्थापना काल से ही वह संगठन में रहा है. आक्रमण आम्रपाली कोल परियोजना खुलने के बाद सुर्खियों में आया. लेवी वसूलने व टेरर फंडिंग में लगातार उसका नाम जुड़ता गया. उसने लगातार संगठन का विस्तार और मजबूत किया. समय-समय पर उग्रवादी घटना काे अंजाम देकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराता रहा. प्लाटून कमांडर होने के कारण हमेशा दस्ता के साथ सक्रिय रहता था. संगठन में सक्रिय रहने के कारण उसे लगातार संगठन में बड़ा पद मिलता रहा. वर्तमान में वह द्वितीय कमांडर के रूप में भी कार्य कर रहा था. कई बार पुलिस व माओवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में वह शामिल था. आक्रमण को पुलिस के साथ-साथ एनआइए को भी लंबे समय से तलाश थी. मालूम हो कि टीएसपीसी का गठन 2005 हुआ था. माओवादियों की नीतियों का विरोध करते हुए कुछ लोगों ने अलग होकर टीएसपीसी संगठन बनाया था. टीएसपीसी व माओवादियों के बीच चले विवाद में कई लोग मारे गये थे.
पुलिस की बड़ी उपलब्धि
आक्रमण को गिरफ्तार होना पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है. पुलिस को काफी दिनों से आक्रमण का तलाश था. कई बार पुलिस के हाथ में आते-आते बचा था. एक बार पुलिस के हत्थे चढ़ने की अफवाह फैली थी. एसपी विकास पांडेय ने बताया कि आक्रमण की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है. आक्रमण को पुन: रिमांड पर लेकर पूछताछ की जायेगी. आक्रमण की गिरफ्तारी से टीएसपीसी संगठन को काफी क्षति हुई है. जंगलों में भटकने से कोई फायदा नहीं हैं, आज न कल पुलिस के हत्थे चढ़ना होगा, इसलिए सरकार के आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठा कर आत्मसमर्पण करें. ओपन जेल का लाभ उठाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है