चाईबासा. कोल्हान टेक्निकल एंड प्रोफेशनल शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को कोल्हान विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य डॉ रंजीत प्रसाद से मिला. उन्हें व्यावसायिक/वोकेशनल पाठ्यक्रमों से जुड़े शिक्षकों की समस्याओं से अवगत कराया. संघ के सदस्यों ने डॉ. प्रसाद को शॉल भेंट कर सम्मानित किया. प्रतिनिधिमंडल ने विस्तारपूर्वक शिक्षकों की प्रमुख समस्याओं पर चर्चा की. इनमें संविदा नवीनीकरण से संबंधित जांच रिपोर्ट लंबित रहने, वेतन बढ़ोतरी की प्रक्रिया शुरू नहीं होने, शिक्षकों की भारी कमी व मूलभूत सुविधाओं का अभाव आदि जानकारी दी. बताया गया कि राज्य में सबसे न्यूनतम वेतन कोल्हान विश्वविद्यालय के व्यवसायिक पाठ्यक्रम के शिक्षकों का है, जो चिंताजनक है. बताया गया कि पिछली सिंडिकेट बैठक में निर्णय हुआ था कि पूर्व की भांति छह माह का वेतन एकमुश्त जारी किया जाये, ताकि वेतन भुगतान समय पर हो सके. विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस दिशा में अबतक पहल नहीं की है. प्रत्येक माह वेतन के लिए डिमांड विश्वविद्यालय को भेजा जाता है. वहां से निर्देश आने पर भुगतान होता है. इस प्रक्रिया में अनावश्यक देरी होती है. राजभवन ( अब लोक भवन) से स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी स्थिति में वेतन भुगतान प्रत्येक माह की 5 तारीख तक सुनिश्चित होना चाहिए.
बिनोवाभावे विवि : वेतन 30 फीसदी बढ़ा, केयू में पहल ही नहीं
प्रतिनिधियों ने बताया कि विनोबा भावे विश्वविद्यालय में नये कुलपति के ज्वाइनिंग के तुरंत बाद व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के शिक्षकों के वेतन में 30 फीसदी की बढ़ोतरी की गयी. पहले से 57,000 रुपये थे. इसके विपरीत कोल्हान विश्वविद्यालय में न वेतन वृद्धि हुई है, न पूर्व में दिये आश्वासनों पर ठोस परिणाम दिखा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

