चाईबासा. चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआइवी संक्रमित ब्लड चढ़ाये जाने के खिलाफ मंगलवार को झारखंड बचाओ जनसंघर्ष मोर्चा की ओर से धरना-प्रदर्शन किया गया. कार्यक्रम सदर अनुमंडल कार्यालय के समक्ष आयोजित हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में महिला और पुरुष शामिल हुए. मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष माधव चंद्र कुंकल ने कहा कि अक्तूबर 2025 में सदर अस्पताल ब्लड बैंक द्वारा थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआइवी संक्रमित रक्त चढ़ाया गया था, जो मानवाधिकार का गंभीर उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि इस घटना का खुलासा होने के बाद झारखंड सरकार ने पीड़ित परिवारों को दो-दो लाख रुपये का चेक दिया था. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने उस समय वादा किया था कि एक माह के भीतर जांच रिपोर्ट सामने आ जायेगी, परंतु एक माह से अधिक बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट पीड़ित परिजनों को नहीं दी गयी है. कुंकल ने बताया कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता से पीड़ित परिवारों का सामाजिक जीवन और भी कष्टमय हो गया है. एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाये जाने के बाद चाईबासा में किराए के मकान में रह रहे बच्चों को मकान मालिक ने कमरा खाली करने को कह दिया. अब परिवार अपने गांव, जो चाईबासा से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित है, में रह रहा है. दैनिक आवागमन कर बच्चों को स्कूल ले जाना उनके लिए कठिन हो गया है. धरना-प्रदर्शन के समापन पर मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम पांच सूत्री मांगपत्र सदर अनुमंडल पदाधिकारी संदीप अनुराग टोपनो को सौंपा है. मोर्चा ने कहा कि इन मांगों की प्रतिलिपि राष्ट्रपति, राज्यपाल, स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव और उपायुक्त को भेजी गयी है.
मोर्चा की प्रमुख मांगें
पीड़ित बच्चों को एआरटी दवा तुरंत उपलब्ध करायी जाए, सरकारी खर्च पर देश के श्रेष्ठ अस्पतालों में उनके इलाज की व्यवस्था की जाए, पीड़ित परिवार के एक सदस्य (माता या पिता) को सरकारी नौकरी दी जाए, परिवार को “अबुआ आवास” योजना के तहत आवास उपलब्ध कराया जाए, परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिले और दोषी स्वास्थ्यकर्मियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

