चक्रधरपुर.
चक्रधरपुर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में 10 से 25 अगस्त तक फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस दौरान घर-घर जाकर दवा वितरण किया जा रहा है. कार्यक्रम के लिए 306 बूथ बनाये गये हैं और 612 सहिया, सेविका और एनजीओ कर्मियों को लगाया गया है. कुल 1,90,182 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है. दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को दवा नहीं दी जाएगी. 2 साल से ऊपर के बच्चों को एल्बेंडाजोल की 1 गोली और डीइसी दी जाएगी. 2-5 साल के बच्चों को डीइसी की एक गोली दी जायेगी. 6-14 साल के बच्चों को डीइसी की 2 गोली और एल्बेंडाजोल की एक गोली दी जायेगी. 15 साल से ऊपर के व्यक्तियों को डीइसी की 3 गोली और एल्बेंडाजोल की एक गोली दी जायेगी. साथ ही, आईवरमेक्टिन की दवा भी डोज पोल से नापकर दी जायेगी.फाइलेरिया: संक्रामक बीमारी और बचाव उपाय
फाइलेरिया एक संक्रामक बीमारी है, जो मच्छर के काटने से फैलती है. इसलिए घर के आसपास मच्छरों को पनपने न दें और पानी जमा न होने दें. हमेशा मच्छरदानी का उपयोग करें. फाइलेरिया को हाथीपांव भी कहा जाता है. यह आमतौर पर बचपन में संक्रमित करता है, लेकिन इसके लक्षण 8-9 साल बाद दिखायी देते हैं. यदि समय पर पहचान नहीं हुई, तो यह पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है. फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलती है. संक्रमित व्यक्ति को काटने वाला मच्छर अन्य व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकता है. इसलिए सभी स्वस्थ व्यक्तियों को भी दवा सेवन करना आवश्यक है. सावधानी बरतकर ही इस बीमारी को रोका जा सकता है.
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