मनोहरपुर.
बिचौलियों के फेर में गरीबों का अपना आवास का सपना आज भी अधूरा है. बिचौलियों ने लाभुकों से पैसा लेकर आवास निर्माण अधूरा छोड़ दिया. ऐसे में सरकार के मंसूबों पर पानी फिर रहा है. प्रखंड की कोलपोटका पंचायत के कुम्हारमुंडा गांव में दो लाभुक ऐसे हैं, जिनका तीन साल बाद भी पीएम आवास अधूरा है. लाभुकों की मानें तो यह सब कोलपोटका पंचायत के पूर्व मुखिया की वजह से हुआ है. स्थिति है कि दोनों लाभुक अपने पुराने और जर्जर मकान में रहने को विवश हैं. लाभुकों में भूटन कुजूर और पार्वती कच्छप ने बताया कि उनके प्रधानमंत्री आवास तीन साल से अधूरे हैं. ये दोनों आवास साधु कुजूर और रघुनाथ कच्छप के नाम पर आबंटित हुए थे. दोनों अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनके आवास आज तक अधूरे पड़े हैं.अधूरा पड़ा पीएम आवास मवेशियों को बांधने के काम आ रहा:
भूटन ने बताया कि उनका अधूरा आवास अब मवेशियों के बांधने के काम आ रहा है. कहा कि आवास की छत नहीं बनी है. प्लास्टिक से ढंककर नीचे मवेशी बांधते हैं. वहीं रघुनाथ के आवास के अंदर झाड़ियां उग गयी हैं. उसकी पत्नी ने बताया कि पूर्व मुखिया जोलजस कुजूर ने आवास बनाने की जिम्मा लिया था. सरकार से जो पैसा मिला उन्हें दे दिया गया, पर आज तक उनका आवास पूरा नहीं किया. बताया कि बरसात से पहले उन्होंने कहा था कि छत की ढलाई करा दी जायेगी. बरसात बीतने के बाद भी उनका काम नहीं हुआ है. दूसरी ओर पार्वती ने यह भी बताया कि उनके बेटे सुरेश कच्छप के नाम पर भी आबंटित आवास अभी तक पूरा नहीं हुआ है. उसका काम भी गांव का ही एक बिचौलिया करवा रहा है. अब यह जांच का विषय है कि दोनों पीएम आवास और एक अबुआ आवास में कितनी राशि निकासी हुई है और कितना खर्च हुआ है.– सरकार लाभुक के खाते में पैसा डालती है. अब लाभुक पैसे का दुरुपयोग करता है या किसी बिचौलिया को देता है, तो इसकी जवाबदेही लाभुक की होती है. फिर भी अगर ऐसी बात है तो तीनों मामलों की पड़ताल की जायेगी. जरूरी कार्रवाई की जायेगी.
– शक्ति कुंज
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