चाईबासा. चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित पांच बच्चों को एचआइवी संक्रमित खून चढ़ाने के मामले में कार्रवाई नहीं होने से आक्रोश बढ़ रहा है. इस मामले में सदर अस्पताल के ब्लड बैंक के कर्मचारी और अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा है. पीड़ित बच्चों को सरकारी स्तर पर इलाज की उचित व्यवस्था नहीं किया गया है. झारखंड बचाओ जनसंघर्ष मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष माधव चंद्र कुंकल ने 09 दिसंबर को सदर अनुमंडल कार्यालय के समक्ष धरना देने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को उनके वादे का स्मरण कराने के लिए आंदोलन जरूरी है. माधव चंद्र कुंकल ने कहा कि सरकारी व्यवस्था की लापरवाही के कारण मासूम जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने चाईबासा दौरे के क्रम में वादा किया था कि पीड़ितों के बेहतर से बेहतर इलाज की जिम्मेदारी सरकार उठायेगी. एक माह बाद भी सरकार ने किसी भी प्रकार की पहल नहीं की है. विगत एक माह से चाईबासा स्थित ब्लड बैंक में मरीजों को खून प्राप्त करने में काफी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. राज्य सरकार को राज्य के सभी बल्ड बैंक को बेहतर करने की दिशा में बिना देरी किए सुचारू रूप से रक्त उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिये. ज्ञात हो कि मामला प्रकाश में आने के बाद चाईबासा के सिविल सर्जन, एचआइवी यूनिट के प्रभारी चिकित्सक और संबंधित टेक्नीशियन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था. स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा था कि अगर जांच के बाद डॉक्टरों की लापरवाही सामने आती है, तो वह अपने स्तर से पीड़ित परिवारों को दो-दो लाख रुपये देंगे. इस संबंध में विस्तार से जानकारी के लिए सिविल सर्जन भारतीय मिंज से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.
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