मनोहरपुर.
सारंडा के कंपार्टमेंट-36 में घायल हथिनी के इलाज के लिए वन विभाग, वनतारा की टीम और पशुपालन विभाग के चिकित्सक शुक्रवार को प्रयासरत रहे. शुक्रवार को घायल हथिनी सुबह जंगल से निकल कर दिन भर नाला में खड़ी रही. इस दौरान हथिनी को सब्जी में दवा मिलाकर दी गयी. हथिनी के घायल पैर से खून व मावाद लगातार निकल रहा है. बीमार रहने के कारण वह समय पर नहीं खा रही है. इस कारण हथिनी लगातार कमजोर हो रही है. हथिनी को वन विभाग व वनतारा की टीम लगातार नजर बनाकर रखी है. हथिनी को निश्चित जगह पर ले जाने के लिए टीम प्रयासरत रही, ताकि हथिनी को ट्रैंकुलाइज कर बेहतर इलाज किया जा सके. हथिनी के आसपास के इलाके को वन विभाग ने फेंसिंग कर दी है. जानकारी के मुताबिक जिस सागवान बागान के अंदर हथिनी मौजूद थी, वहां शुक्रवार तड़के एक दंतैल हाथी भी आया था. उसने वहां रखे एक प्लास्टिक ड्रम को क्षतिग्रस्त कर दिया. हाथी वहां एक घंटे रुका, फिर जंगल की ओर चला गया. प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डॉ संजय घोलटकर भी नियमित रूप से अपना सहयोग रेस्क्यू टीम को दे रहे हैं. वन विभाग अपने स्तर से हाथी को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहा है. जानकारी के अनुसार शुक्रवार को हाथी के डायट में भी थोड़ी बढ़ोतरी हुई है. शनिवार को हाथी का इलाज निर्णायक साबित हो सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

