चाईबासा. कोल्हान विश्वविद्यालय में कार्यरत लगभग 150 आउटसोर्स कर्मियों को तीन माह (सितंबर से नवंबर) से मानदेय नहीं मिला है. मुख्यालय समेत अंगीभूत 19 कॉलेजों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मी व उनके परिवार आर्थिक व मानसिक परेशानी झेल रहे हैं. हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने एजेंसी को नवंबर, 2025 के अंतिम सप्ताह में राशि आवंटित कर दी है. इसके साथ कॉलेज स्तर से बहाल आउटसोर्स कर्मियों के लिए राशि का भुगतान किया है. इसके बावजूद आउटसोर्स कर्मियों (कंप्यूटर ऑपरेटर, सफाई कर्मी, सुरक्षा गार्ड, माली आदि) को मानदेय नहीं मिला है.
उधार लेकर बच्चों की फीस दे रहे किसी तरह घर चला रहे कर्मी:
आउटसोर्स कर्मियों का कहना है कि उधार लेकर किसी तरह अपने बच्चों की फीस भर रहे हैं. घर कैसे चल रहा है?, समझ नहीं आ रहा है. राशन, साबुन, तेल, दवा आदि के खर्च के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आउटसोर्स कर्मियों को समय पर मानदेय नहीं मिलने की समस्या विश्वविद्यालय में नया नहीं है. पूर्व में कई बार कर्मियों ने लंबित मानदेय को लेकर मुख्यमंत्री, मंत्री से लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को अवगत कराया था. नयी एजेंसी बहाल होने के बाद कर्मियों में उम्मीद जगी थी कि अब हर माह समय पर मानदेय मिलेगा, परंतु स्थिति वैसी बन गयी, जो पूर्व में रही थी.शर्तों से साथ हुआ था एजेंसी का चयन, फिर भी सुधार नहीं:
विश्वविद्यालय प्रशासन ने तीन बार टेंडर निकालकर सबसे योग्य एजेंसी का चयन कर जिम्मेदारी सौंपी. एजेंसी के पास कम से कम 4 करोड़ की राशि खाते में होना शर्त में शामिल था. एजेंसी को किसी पब्लिक सेक्टर या विश्वविद्यालय में कार्य का अनुभव भी शामिल था. इसके बाद भी मानदेय भुगतान में विलंब हो रहा है. दीक्षांत समारोह की समाप्ति के कारण विश्वविद्यालय स्तर से एजेंसी को निर्धारित राशि देने में विलंब हुआ. उदास मन से कर्मी काम करने को बाध्य हैं.
वर्ष 2023 के दो माह का मानदेय भी है बकाया:
ज्ञात हो कि आउटसोर्स कर्मियों को पूर्व की एजेंसी ने वर्ष 2023 के नवंबर व दिसंबर माह के मानदेय का भुगतान नहीं किया था. उक्त मामला हाइकोर्ट में लंबित है. फैसला आने के बाद आउटसोर्स कर्मियों को मानदेय दिया जा सकेगा.– विश्वविद्यालय ने एजेंसी को मानदेय के लिए राशि का भुगतान कर दिया है. अबतक आउटसोर्स कर्मियों को मानेदय का भुगतान हुआ है या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है.
– डॉ अशोक कुमार झा
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