हाटगम्हरिया. हाटगम्हरिया थाना के बीचाबुरू गांव में विभिन्न बीमारियों से पिछले दो माह में 15 लोगों की मौत हो गयी है. मृतक के परिजनों से मौत के कारणों के बारे में जानना चाहा, तो उन्होंने बताया कि मोटा बिरुवा टीवी मरीज था. इस कारण मौत हो गयी. उसका इलाज देसी जड़ी-बूटी से चल रहा था. टाइगर बिरुवा की सांप काटने से मौत हो गयी. माटा बिरुवा की लंबी बीमारी से मौत हुई. मोगती पूर्ति (22) अचानक बीमार पड़ी और मौत हो गयी. सुतरी कुई, नारायण बिरुवा, सुखलाल बिरुवा की भी टीबी से मौत हुई. पिंकी बिरुवा (34) की कुत्ते के काटने से मौत हो गयी. उनका इलाज देसी जड़ी-बूटी से चल रहा था. अचानक तबीयत बिगड़ने परनिधन हो गया. पासिंह की पत्नी की लंबी बीमारी से मौत हो गयी. लखन बलमुचू के नवजात शिशु तथा रघुनाथ बलमुचू की पत्नी की भी बीमारी से मौत हो गयी.
झोलाछाप डॉक्टरों से कराते हैं इलाज:
जागरुकता के अभाव में ग्रामीण इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाते हैं. गांव में झोलाछाप डाक्टरों से ही इलाज कराते हैं. सही इलाज नहीं हो पाता है. सही और समय पर इलाज नहीं होने से लोग असमय मौत के शिकार हो रहे हैं. सबसे बड़ी समस्या मद्यपान को बताया जाता है. लोग अधिक शराब का सेवन करते हैं. इस कारण उनकी असामयिक मौत हो जाती है. 25 से 30 साल की उम्र में ही टीबी के शिकार हो जाते हैं.– शव दफनाने के अलावे गांव में और कुछ काम नहीं हो रहा है. बीचाबुरू गांव में अशांति का माहौल है. सही इलाज नहीं हो पाने से लोग मर रहे हैं. झोलाछाप डाक्टरों से इलाज कराते हैं.
– बजाय बिरुवा
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