चाईबासा. झींकपानी थाना से पांच किमी दूरी पर चल रही अवैध शराब फैक्टरी में गुरुवार सुबह 4:30 बजे जिला आबकारी व उत्पाद विभाग ने छापेमारी की. मौके से भारी मात्रा में नकली विदेशी व देसी शराब, पैकिंग सामग्री, बोतल, रैपर, ढक्कन, केमिकल और अवैध निर्माण उपकरण जब्त किये गये हैं. विभाग ने बताया कि जब्त सामानों की अनुमानित कीमत करीब 22 लाख रुपये है. उत्पाद विभाग के सहायक आयुक्त अरविंद कुमार ने बताया कि मिनी फैक्ट्री में कोई व्यक्ति नहीं मिला. हालांकि, दो संदिग्ध लोगों मनोज साहनी और हरीश बेहरा के नाम सामने आये हैं. दोनों को गिरफ्तार करने के लिए छापामारी जारी है. सूत्रों के अनुसार, मनोज साहनी पूर्व में अवैध शराब व गांजा के कारोबार के आरोप में जेल जा चुका है. जानकारी के अनुसार, उत्पाद विभाग ने गुप्त सूचना पर झींकपानी थाना से करीब पांच किमी दूर चाड़ाबासा गांव में छापेमारी की. यहां सुनसान घर में शराब बनायी जा रही थी.
कैरामेल से बनायी जा रही थी शराब:
सहायक उत्पाद अधीक्षक अरबिंद कुजूर ने बताया कि कैरामेल का इस्तेमाल अंग्रेजी शराब बनाने में होता है. इसके लिए केमिस्ट की जरूरत पड़ती है. केमिकल से शराब में खुशबू लायी जाती है. कैरामेल का काम करने वाले केमिस्ट का वेतन लाखों रुपये में होता है. उन्हाेंने बताया कि नकली शराब की बिक्री सबसे ज्यादा मेले और मुर्गा पाड़ा में होती है.बरामद सामग्री
रॉयल गोल्ड कप के 134 पेटी यानि 12009 नकली अंग्रेजी शराब, प्लास्टिक के तीन बड़े ड्रम में करीब 600 लीटर कच्चा स्प्रिट व प्लास्टिक के तीन बड़े गैलन में 120 लीटर कच्चा स्प्रिट, टंकी में एक हजार लीटर नकली शराब (मौके पर नष्ट कर दिया), एक हजार लीटर का खाली ड्रम, बोतल के पांच हजार ढक्कन, 2000 खाली बोतल (किंग गोल्ड का स्टिकर लगा), 1000 ब्लैक टाइगर ब्रांड की 500 बोतल, प्लास्टिक की 2000 बोतल, पानी जार 100 पीस, शराब बनाने का कच्चा स्प्रिट व कैरामेल.छापेमारी टीम :
एएसआइ मंटू रजवार, एसआइ फुलेश्वर महतो, धर्मा तिग्गा, पुलिस जवान उमाशंकर साह, मंगल सरदार व होमगार्ड के जवान शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

