गुवा. सेल की गुवा खदान में कार्य के दौरान गुरुवार को ठेका मजदूर की मौत हो गयी. ठाकुरा गांव निवासी मजदूर कानू चाम्पिया की मौत के विरोध में ग्रामीणों व मजदूर संगठनों ने शव के साथ गुवा जनरल ऑफिस का घेराव किया. ग्रामीण 50 लाख रुपये मुआवजा व आश्रित को स्थायी नौकरी देने की मांग पर अड़े रहे. लगभग 12 घंटे के बाद सेल के जेनरल ऑफिस से जगन्नाथपुर एसडीओ के लिखित जानकारी देने पर मामला शांत हुआ. 30 लाख रुपये मुआवजा देने पर सहमति बनी. संवेदक ने 7.5 लाख रुपये के चार चेक दिये. वहां, तत्काल 15 हजार रुपये प्रशासन ने दिया. शव के पोस्टमॉर्टम का खर्च पुलिस द्वारा वहन करने की बात कही गयी. परिवार के एक व्यक्ति को सेल में हाइ स्किल के पद पर कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी दिए जाने की घोषणा सेल प्रबंधन की है. जगन्नाथपुर के विधायक सोनाराम सिंकु, जिप अध्यक्ष लक्ष्मी सुरेन, डीएसपी अजय केरकेट्टा भी पहुंचे थे.
गेट का ताला तोड़कर जबरन अंदर घुसे लोग :
ग्रामीणों ने पहले गुवा अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया. शव को कंधे पर उठाकर जनरल ऑफिस गेट के सामने रख दिया. करीब 2 घंटे तक प्रबंधन की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने पर जनरल ऑफिस के गेट का ताला तोड़कर अंदर घुस गये. गेट पर जवान व सीआइएसएफ के पुलिस बलों ने काफी रोकने का प्रयास किया पर नहीं रोक पाये. इसके बाद सेल जनरल ऑफिस के अंदर जोरदार नारेबाजी होने लगी. निर्माण कार्य के दौरान हुआ हादसा गुवा खदान स्थित जीरो प्वाइंट एरिया के नये भवन निर्माण कार्य में कानू चाम्पिया काम कर रहा था. गुरुवार के सुबह लगभग साढ़े नौ बजे घटना हई. जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गया. उसे तत्काल गुवा सेल अस्पताल लाया गया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.ठेकी कंपनी पर बाल मजदूरी कराने का आरोप:
संयुक्त यूनियनों ने आरोप लगाया कि जिस ठेका मजदूर की मौत हुई है, वह गुवा के रहने वाले बोलाय सिंहा एंड संस के अधीन कार्यरत था. उसकी उम्र मात्र 16 वर्ष (आधार कार्ड के अनुसार) थी. ऐसे में कॉन्ट्रैक्टर ने उसे कैसे काम पर रखा. उसके पास न गेट पास था, न सेफ्टी के सामान. ऐसे में कॉन्ट्रैक्टर सेल के माइंस प्रबंधक व सेफ्टी प्रबंधक बाल मजदूरी करा रहे थे. संयुक्त यूनियनों ने इसकी जांच कर दोषियों के ऊपर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की हडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

