चक्रधरपुर.
इंदकाटा और लाण्डुपोदा, रामचंद्रपुर, टीकरचांपी और कोटुवा में नहर का पानी छोड़े जाने से कृषि संकट की स्थिति पैदा हो गयी है. बंदगांव प्रखंड के कराईकेला सुबानसाई फाटक से नहर में पानी छोड़ा गया है. तीन दिनों से लगातार केनाल में पानी भरने से खेतों में पानी घुसने लगा है. इलाके के अधिकांश किसानों की धान की फसल या तो कटने की अवस्था में है या कट चुके धान खेतों में पड़े हैं. यदि अगले दो-तीन दिनों में नहर का पानी नहीं रोका गया, तो खेतों में पानी भर जाएगा और सैकड़ों किसानों की पकी हुई फसल नष्ट हो जायेगी. स्थानीय किसान विजय महतो ने जल संसाधन विभाग से तत्काल पानी बंद करने की मांग की है, अन्यथा सोमवार तक कार्रवाई नहीं होने पर विभागीय कार्यालय का घेराव करने की चेतावनी दी है. अनुमानतः केवल इंदकाटा और उसके आसपास के गांवों में करीब 3,000 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती की गयी है, जिस पर सीधा संकट मंडरा रहा है. यह स्थिति जल संसाधन प्रबंधन और ग्रामीण कृषि संकट का गंभीर उदाहरण है. जहां समय रहते निर्णय न लिया गया तो किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

