चाईबासा.
चाईबासा सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में इन दिनों खून की कमी हो गयी है. ऐसे में जरूरतमंद मरीज के परिजनों को ब्लड के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. परिजनों को जमशेदपुर स्थित एमजीएम अस्पताल से ब्लड लाना पड़ रहा है. थैलेसीमिया पीड़ितों के परिजनों को भटकना पड़ रहा है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ हांसदा ने बताया कि डोनेट ब्लड का सैंपल एलाइजा मशीन से टेस्ट किया जा रहा है. किट टेस्ट बंद कर दिया गया है. एलाइजा मशीन से एक ब्लड सैंपल की जांच में करीब चार से पांच घंटे लग जाते हैं. इसके कारण लोगों को समय पर रक्त नहीं मिल रहा है. गौरतलब हो कि पिछले दिनों थैलेसीमिया पीड़ित पांच बच्चों को एचआइवी संक्रमित रक्त चढ़ा दिया गया. मामला सामने आने पर राज्य सरकार ने डोनरों के ब्लड सैंपल की जांच किट और स्क्रीनिंग टेस्ट को बंद करवा दिया है. दूसरी ओर बिना लाइसेंस के चल रहे ब्लड बैंक में ब्लड स्टॉक में रखने पर रोक लगा दी गयी है. डोनर का ब्लड सैंपल की जांच एलिजा मशीन से जा रही है.रक्त नहीं मिलने से मरीज का ऑपरेशन नहीं हो रहा
सरायकेला-खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड अंतर्गत नेटो गांव का एक मरीज चाईबासा सदर अस्पताल लाया गया. परिजन ने बताया कि मरीज की बच्चेदानी का ऑपरेशन होनेवाला है. चिकित्सकों ने तीन यूनिट रक्त चढ़ाने को कहा है. दो यूनिट रक्त चढ़ाया जा चुका है. अब एक यूनिट रक्त और चढ़ाना है. ब्लड बैंक में रक्त नहीं मिल रहा है. उसका ऑपरेशन होने में दिक्कत हो रही है. बताया कि 31 अक्तूबर, 2025 को रक्त डोनेट किया गया है. इसके बाद भी रक्त नहीं दिया जा रहा है. टाटा जाकर ब्लड लाना संभव नहीं हो रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

