चाईबासा. बंग भाषी समाज ने मंगलवार को धूमधाम से नव वर्ष मनाया. सुबह में समुदाय के लोगों ने नये वस्त्र पहन कर मंदिरों में पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की. लोगों ने उत्साह और उमंग के साथ बांग्ला नववर्ष का स्वागत किया. आज के दिन ही समाज के लोगों ने अपनी-अपनी दुकानों, घरों में पूजा की. नया बही खाता का शुभारंभ किया. वहीं महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया. नववर्ष पर घरों में नये-नये पकवान बनाये गये. रिश्तेदारों के साथ खुशियां बांटी गयी. लोगों ने एक-दूसरे को शुभो नवोबर्षो की बधाई दी. छोटी बच्चों ने बड़ों का पैर छू कर आशीर्वाद लिया.
रवींद्र भवन में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
नववर्ष पर मंगलवार सुबह रवींद्र भवन परिसर से समुदाय के लोगों ने प्रभातफेरी निकाली. प्रभातफेरी शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए पुन: रवींद्र भवन पहुंची. वहीं संध्या रवींद्र भवन में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. देर रात तक कलाकार गीत-संगीत तथा नृत्य प्रस्तुत किया. मौके पर काबू दत्ता, आशीष कुमार सिन्हा, विमान पाल समेत काफी संख्या में समुदाय के महिला-पुरुष शामिल थे.
नये काम की करते हैं शुरुआत : राय
अशोक कुमार राय ने बताया कि समाज में बैसाख का पूरा महीना शुभ माना जाता है. लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं. लोग इस दिन अधिकतम समय पूजा-पाठ और रिश्तेदारों व दोस्तों से मिलने-जुलने में लगाते हैं. इस अवसर पर घरों में खास पकवान बनाये जाते हैं. लोगों के बीच मिठाई बांटते हैं. कहा कि व्यापारी लोग इस दिन नया बही-खाता बनाते हैं. बताया कि पोइला बैसाख के दिन नये काम की शुरुआत करना शुभ माना जाता है. उन्होंने कहा कि यह बंगालियों के लिए एक खास पर्व होता है, जिससे वह पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं. पोइला बैसाख के दिन लोग एक-दूसरे को शुभो नवोबर्षो कहकर नये साल की शुभकामना देते हैं.
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