चक्रधरपुर
. चक्रधरपुर रेल मंडल मुख्यालय में देवताओं के शिल्पकार व सृजन के देवता भगवान विश्वकर्मा की पूजा धूमधाम से हो रही है. रेलवे के इंजीनियरिंग विभागों के पंडालों में विश्वकर्मा भगवान की मूर्ति स्थापित कर धूमधाम से पूजा की जा रही है. हर पंडालों में आकर्षक झांकियां प्रदर्शित की गयी हैं. यह श्रद्धालुओं को रेलवे की सुरक्षा, संरक्षा, पर्यावरण संरक्षण एवं शांति का संदेश दे रही है. रेलवे अभियंत्रण, परिचालन, दूरसंचार व संकेत, स्वास्थ्य एवं मलेरिया, कैरेज, यांत्रिक, ट्रेन लाइटिंग विभागों के मुख्य कार्यालयों व सभी वरिष्ठ अनुभाग अभियंता व उनके शाखा कार्यालयों समेत 15 जगहों पर पंडाल बनाकर भगवान विश्वकर्मा की पूजा की तैयारी कर ली गयी है. बुधवार को सभी पंडालों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना करने रेलकर्मियों व उनके परिजनों का आगमन होगा.सेल्फी प्वाइंट व जलसंरक्षण होगा मुख्य आकर्षण : सुखदा
रेलवे के वरिष्ठ अनुभाग अभियंता कार्य (पूर्व) कार्यालय में पंडाल निर्माण का काम अंतिम चरण में है. इस वर्ष यहां की पूजा कमेटी द्वारा तैयार झांकी प्रकृति व पर्यावरण सुरक्षा का संदेश दे रही है. सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है. यह बच्चों को काफी पसंद आयेगा. पूजा कमेटी के सुखदा मुर्मू ने कहा कि इस साल पंडाल में करीब ढाई लाख रुपये खर्च होंगे. पंडाल में सेल्फी प्वाइंट व पर्यावरण की सुरक्षा करने का संदेश देती झांकी है, जो पेड़-पौधों की रक्षा करने और जलसंरक्षण को प्रदर्शित कर रही है. पूजा के बाद मिठाई का वितरण अनिवार्य रूप से होता है.
क्रू लॉबी में स्थापित की जा रही आकर्षक प्रतिमा :
चक्रधरपुर के क्रू लॉबी में पंडाल व प्रतिमा आकर्षण का केंद्र होगा. पंडाल को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. प्रवेश द्वार से पंडाल तक फूलों से सजावट की गयी है. तोरणद्वार में आकर्षक विद्युत सज्जा की गयी है. पूजा के विशाल आयोजन में रनिंग स्टाफ जुटे हैं. यहां की पूजा हमेशा शांति व भाईचारा का संदेश देते आ रही है. कमेटी के सदस्यों ने कहा कि कई साल से पूजा हो रही है. तीन सौ से अधिक सदस्य हैं. पूजा में रनिंग स्टाफ के परिवार के सदस्य व वरीय अधिकारी की भी सहभागिता है. पूजा शांति व भाईचारगी का संदेश देती है.
शिवजी की जटा से निकलती गंगा की झांकी आकर्षण का केंद्र होगी : अजय
चक्रधरपुर रेलवे के वरिष्ठ अनुभाग अभियंता कार्य (रेल-पथ) कार्यालय में भगवान विश्वकर्मा पूजा की तैयारी जोरों पर है. इस साल झांकी में विशाल पर्वत का दृश्य है, जो आकर्षण का केंद्र होगा. पर्वत पर शिवजी विराजे हैं. उनकी जटा से गंगा बह रही है. जो जीवन में शांति का प्रतीक माना जाता है. यहां परंपरा वर्षों से निभायी जा रही है. रेलवे के पुश, मोटर ट्रॉलियों, उपकरणों एवं मशीनों का रंग-रोगन कर पूजा की जा रही है. कमेटी के अजय प्रधान ने कहा कि ब्रिटिश काल से पूजा हो रही है. पूजनोत्सव के साथ लोगों को बेहतर संदेश देने की परंपरा निभा रहे हैं, ताकि पंडाल से नयी पीढ़ी को कुछ सीख मिले. इस पूजा कमेटी के अध्यक्ष सनातन साहु, सचिव सौमित्र माइरा व कोषाध्यक्ष अजय प्रधान समेत कुल 241 सदस्य हैं.
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