चाईबासा. चाईबासा के हरिगुटू स्थित आदिवासी हो समाज महासभा कला संस्कृति भवन में मंगलवार को बैठक हुई. कोल्हान आदिवासी एकता मंच के बैनर तले हुई बैठक में कुड़मी (महतो) को आदिवासी सूची में शामिल करने की मांग का विरोध किया गया. बैठक की अध्यक्षता बिहार विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष डीएन चांपिया ने की. आदिवासी समाज ने कहा कि कुड़मी (महतो) को किसी कीमत पर आदिवासी सूची में शामिल नहीं होने देंगे. इसका हर स्तर पर विरोध किया जायेगा. इसका समर्थन करने वाले कोल्हान के जन प्रतिनिधियों को घेराव कर प्रदर्शन करेंगे. चेतावनी के तौर पर आदिवासी समाज 19 सितंबर को कोल्हान में बाइक रैली निकाल कर सांकेतिक विरोध दर्ज करायेगा. 72 घंटे की आर्थिक नाकेबंदी की तिथि का निर्धारण अगली बैठक में होगा.
‘कोल्हान के जनप्रतिनिधि 23 तक अपनी राय स्पष्ट करें’
ईचा-खरकई बांध विरोधी संघ के सचिव सुरेश सोय ने कहा कि कुड़मी (महतो) आजादी से पहले या आजादी के बाद आदिवासी सूची में नहीं थे. कुड़मी (महतो) आदिवासी सूची में शामिल नहीं हो सकते हैं. कुड़मी (महतो) के आदिवासी सूची में शामिल होने से आदिवासियों का अस्तित्व, अस्मिता, पहचान, धर्म-संस्कृति, हाषा-भाषा व आरक्षण पर प्रभाव पड़ेगा. कुड़मी (महतो) आदिवासी सूची में शामिल करने का समर्थन करने वाले जनप्रतिनिधियों को 23 सितंबर तक अपनी राय स्पष्ट करना है. मंच का संचालन यदुनाथ तियू व धन्यवाद ज्ञापन कृष्णा चंद्र बिरुली ने किया. बैठक में कोल्हान आदिवासी एकता मंच के कोषाध्यक्ष रामाय पुरती, मानकी-मुंडा संघ के अध्यक्ष गणेश पाठ पिंगुवा, हो समाज महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष इपिल सामड, आदिवासी हो समाज महासभा युवा महासभा के महासचिव गब्बरसिंह हेंब्रम, कोल्हान आदिवासी स्वशासन एकता मंच के अध्यक्ष कुसुम केराई, महती पुरती, ईचा-खरकई बांध विरोधी संघ उपाध्यक्ष रेयांस सामड, मंझारी जिप सदस्य माधव चंद्र कुंकल आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

