बेरमो, नावाडीह प्रखंड अंतर्गत पोखरिया पंचायत के मोचरो गांव में 151 वर्षों से विशु परब का आयोजन हो रहा है. मेला भी लगता है. इस वर्ष सोमवार से यह पूजा शुरू हुई. श्रद्धालुओं ने उपवास रख कर रात में शिव मंदिर में पूजा की. मध्य रात्री में दहकते अंगारों को नंगे पैर पार किया. बताया गया कि सुबह अपने शरीर के कई हिस्सों में लोहे का कील लगा कर 30-35 फीट ऊंचे लकडी के खंभे पर झूलेंगे. मेला समिति के अध्यक्ष घनश्याम गंझू ने बताया कि वर्ष 1866 से यहां पूजा और मेला का आयोजन हो रहा है. उस वक्त गांव में वंश व पशु धन पर संकट आया था. कुछ दिन बाद शंकर भगवान ने सोमर भोक्ता को सपना में दर्शन दिये और कहा कि गांव के उत्तर दिशा के एक कुआं है. उसमें एक शिवलिंग है. उसे स्थापित कर पूजा की जाये. ग्रामीणों ने ऐसा किया तो संकट दूर गया. यहां के आयोजन में नारायणपुर, लहिया पैंक गोनियाटो, काछो, वंश , बरई, पलामू ,घोसको, डेगागढ़ा सहित कई गांवों के लोग आते हैं.
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