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Jharkhand News: जल संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ रहा है BSL, होगा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण

बीएसएल कंपनी जल संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ रहा है, इसके लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण होगा. इसकी शुरुआत 02 मार्च को होगी. मानसून - 2022 से पहले इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है

बोकारो : बीएसएल कंपनी रेन वाटर हार्वेस्टिंग की दिशा में आग बढ़ रहा है, इसके लिए विभिन्न शॉप्स में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज का कार्यान्वयन, अपशिष्ट जल का ट्रीटमेंट, रि-सायकिल व री-यूज की प्रक्रिया से जल संरक्षण की ओर कदम बढ़ा दिया है

इसके लिए बीएसएल प्रबंधन संयंत्र के अंदर 5 स्थानों पर भूजल पुनर्भरण सुविधा के साथ रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कर रहा है. इसकी शुरुआत 02 मार्च को अधिशासी निदेशक (संकार्य) कार्यालय परिसर के समीप होगा. रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए बोरिंग का कार्य हो चुका है. कार्यकारी अधिशासी निदेशक संजय कुमार ने मानसून – 2022 से पहले इस कार्य को पूरा करने का आह्वान किया, ताकि पर्याप्त मात्रा में रेन वाटर का हार्वेस्टिंग किया जा सके और आसपास के क्षेत्रों की ग्राउंड टेबल लेवल में सुधार हो सके.

यहां स्थापित होगा रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अधिशासी निदेशक (संकार्य) बिल्डिंग-01, आर एंड सी लैब बिल्डिंग-02, पीपीसी बिल्डिंग-01, डब्ल्यूएमडी-01 व लुब्रिकेशन सेल बिल्डिंग-01 में किया जाएगा.

परियोजना का क्रियान्वयन बीएसएल के सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा किया जा रहा है. ज्ञात हो कि बीएसएल के पर्यावरण भवन के सामने पर्यावरण नियंत्रण विभाग द्वारा सीईडी की मदद से एक वर्षा जल संचयन प्रणाली पहले ही स्थापित की जा चुकी है. दूसरा वर्षा जल संचयन प्रणाली बोकारो निवास में चालू है, जिसका क्रियान्वयन नगर प्रशासन (सिविल) विभाग द्वारा किया गया था. पिछले कुछ वर्षों में बोकारो स्टील प्लांट द्वारा पर्यावरण और संसाधन संरक्षण के लिए कई पहल किये गए है, जिसके लिए अवार्ड भी मिला है.

जीरो डिस्चार्ज टेक्नोलॉजी के साथ होगा विस्तारीकरण

सेल विजन 2030 के तहत चरणबद्ध रूप से बोकारो स्टील प्लांट का विस्तार होगा. इसकी उत्पादन क्षमता 4.70 मिलियन टन से बढ़कर 14 मिलियन टन होगी. इसपर 7,179 करोड़ रूपये खर्च होंगे. बीएसएल के आने वाले आधुनिकीकरण व विस्तारीकरण के सभी प्रोजेक्ट में जीरो डिस्चार्ज की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. प्लांट के अंदर जो जीरो डिस्चार्ज सिस्टम लगा हुआ है.

उसके एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट के द्वारा 2200 घनमीटर प्रति घंटा के दर से प्लांट में इस्तेमाल किये हुए पानी का शुद्धिकरण कर उसे पुन: री-साइकल कर प्लांट में हीं उपयोग किया जा रहा है. प्रबंधन की कोशिश है कि एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट अपनी पूरी क्षमता से जल्द कार्य करने लगे. भविष्य में प्लांट के अलावा टाउनशिप में भी वेस्ट वाटर के ट्रीटमेंट कर पुन: इसके इस्तेमाल की योजना है. साथ हीं प्लांट के अंदर व बाहर और भी स्थानों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की योजना है. 2020 में भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने बीएसएल को जल संरक्षण के लिए नेशनल वाटर इनोवेशन अवार्ड दिया था.

Posted By: Sameer Oraon

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