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जल्दबाजी में नहीं खरीदें जमीन, किन बातों का रखें ख्याल? प्रभात खबर ऑनलाइन लीगल काउंसेलिंग में अधिवक्ता ने दी ये सलाह

Prabhat Khabar Online Legal Counseling: बोकारो के प्रभात खबर कार्यालय में रविवार को ऑनलाइन लीगल काउंसेलिंग का आयोजन किया गया. इस दौरान बोकारो न्यायालय की अधिवक्ता ज्योति कुमारी ने लोगों के सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में कभी भी जमीन नहीं खरीदें. जांच-पड़ताल के बाद ही खरीदारी करें. नहीं तो परेशानी में पड़ जाएंगे. जमीन मालिक कौन है इसकी जानकारी लेकर ही खरीदारी करें.

Prabhat Khabar Online Legal Counseling: बोकारो-अगर आपने बिना जांच-पड़ताल के जमीन की खरीदारी की तो परेशानी में पड़ जाएंगे. आज कल गैर-मजरूआ और वन भूमि का जाली कागजात बना कर जल्दबाजी में लोगों को बेचा जा रहा है. पहले तो जमीन की सच्चाई का पता लगाएं. जमीन का मालिक कौन है? यह पता लगाना जरूरी है. रोजाना दर्जनों मामले थाने में जमीन फ्रॉड से जुड़े दर्ज हो रहे हैं. इस परेशानी से बचने के लिए जमीन विक्रेता से जमीन के कागजात लेकर सीओ कार्यालय जाएं. सीओ से जमीन की पूरी जानकारी हासिल करें. यह बातें बोकारो न्यायालय की अधिवक्ता ज्योति कुमारी ने कहीं. रविवार को प्रभात खबर की ऑनलाइन लीगल काउंसेलिंग में पाठकों के सवालों पर कानूनी सलाह दे रही थी. प्रभात खबर लीगल काउंसेलिंग में धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, कोडरमा, बगोदर सहित अन्य जगहों के पाठकों ने फोन पर सवाल पूछे. अधिवक्ता ज्योति ने सभी के सवालों के जवाब दिए.

घर मां के नाम है तो पिता बड़े भाई को दे सकते हैं?


गोविंदपुर धनबाद के प्रकाश कुमार का सवाल : किसी भी जगह पर उपभोक्ता फोरम से लाभ लेने के लिए क्या नियम है. किस प्रक्रिया के तहत उपभोक्ता फोरम में जाना पड़ता है.
अधिवक्ता की सलाह : उपभोक्ता फोरम में ऑनलाइन शिकायत की जा सकती है. इसके बाद संपर्क करने पर सही जानकारी मिलेगी.
कतरास के सरयू गोराई का सवाल : मेरे पिता की दो संतान हैं. पिता लगातार संपत्ति मेरे बड़े भाई को देते जा रहे हैं. घर मेरी माता जी के नाम है. क्या पिताजी बड़े भाई के नाम कर सकते हैं.
अधिवक्ता की सलाह : यदि घर माता जी के नाम है, तो पिता जी किसी भी स्थिति में नहीं बेच सकते हैं. यदि माता जी का देहांत हो जाता है, तो घर दोनों पुत्रों के बीच बंट जायेगा. पिता चाह कर भी बड़े भाई को नहीं दे सकते हैं.
बगोदर के धीरेंद्र कुमार का सवाल : घर में जमीन का बंटवारा किया गया है. मुझे मनोनुकूल जमीन नहीं मिला. अब परेशानी हो रही है. इसके लिए क्या करना होगा.
अधिवक्ता की सलाह : पहले आपसी समन्वय बनाकर हल निकालने का प्रयास करे. ऐसा नहीं होने पर न्यायालय की शरण में जाये.
बेरमो के गुलाब सिंह का सवाल : मेरे पिता दो भाई है. चाचा का कोई वंश नहीं है. गोतिया लोगों ने जमीन पर कब्जा जमा रहे है. ऐसे में क्या करना होगा.
अधिवक्ता की सलाह : टाइटल पार्टिशन शूट चास कोर्ट में दाखिल करना होगा. इसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी. जमीन आपके हक में मिल जायेगा.
बोकारो आजाद नगर के प्राण कुमार का सवाल : मेरे साथ 50 हजार का साइबर फ्राड हुआ है. साइबर थाना में जाने पर बताया जाता है कि दो लाख से अधिक का साइबर फ्राड होने पर मामला दर्ज होगा. कहां जाकर कंप्लेन दर्ज कराना होगा.
अधिवक्ता की सलाह : बोकारो के सेक्टर वन में साइबर थाना खुला है. वहां जाकर अपनी समस्या आवेदन के माध्यम से विस्तार से रखें. पुलिस अधिकारी के अनुसंधान के बाद ही न्याय मिलेगा. परेशानी होने पर एसपी कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है. परेशान होने की जरूरत नहीं है.

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ससुर की संपत्ति में पत्नी को हिस्सा कैसे मिलेगा?


गिरिडीह विजय कुमार का सवाल : मेरे ससुर की संपत्ति में मेरी पत्नी को कैसे हिस्सा मिलेगा. इसके लिए क्या करना होगा. कौन सा कानूनी रास्ता है. जिसे आसानी से संपत्ति मिले.
अधिवक्ता की सलाह : आपके ससुर को वसीयत बनानी होगी. जिसमें आपकी पत्नी का नाम होगा. वसीयत रजिस्ट्री कार्यालय में रजिस्ट्रार के सामने बनाया जा सकता है.
चीरा चास के संजय प्रकाश का सवाल : चीरा चास में अपार्टमेंट लिया था. एग्रीमेंट के तहत पार्किंग देना था. परंतु परेशान किया जा रहा है. पार्किंग की व्यवस्था कैसे मिलेगी.
अधिवक्ता की सलाह : आप रेरा (रियल इस्टेट रेग्युलेशन ऑथारिटीज) में आवेदन देकर समस्या रख सकते है. आपके समस्या का समाधान त्वरित गति से होगा.
गिरिडीह के सुजान सिंह का सवाल : मेरे पिता जी ने मेरे बड़े भाई के नाम वसीयत कर दी है. इसमें क्या किया जा सकता है. वसीयत को लेकर घर में परेशानी हो रही है.
अधिवक्ता की सलाह : पैतृक संपत्ति में कोई भी व्यक्ति वसीयत नहीं कर सकता है. यदि दादा जी के पिता ने संपत्ति अर्जित की है, तो कोर्ट में अर्जी लगाने से वसीयत टूट जायेगा.
गिरिडीह के विजय प्रकाश का सवाल : सरकारी जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है. ग्रामीणों ने हस्ताक्षरयुक्त आवेदन सीओ को सौंपा है. अब तक कुछ नहीं हो पा रहा है. न्याय के लिए अब आगे कहां जाना होगा.
अधिवक्ता की सलाह : सरकारी जमीन अतिक्रमण करना कानूनन अपराध है. सीओ के दिलचस्पी नहीं लेने पर एलआरडीसी या डीसी को आवेदन सौंप कर पूरी जानकारी उपलब्ध करायें. झारखंड इनक्रोचमेंट अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी. सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया जायेगा.

Guru Swarup Mishra
Guru Swarup Mishrahttps://www.prabhatkhabar.com/
मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

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