नावाडीह. बाजारटांड़ स्थित सरना स्थल में प्रखंड स्तरीय सरहुल पूजा समिति के तत्वाधान में आदिवासी संथाल समाज की बैठक मुकेश कुमार सोरेन की अध्यक्षता में हुई. वक्ताओं ने कहा कि झारखंड में कुड़मी समाज द्वारा एसटी का दर्जा देने व कुड़माली भाषा को आठवीं अनुसूचि में शामिल करने की मांग बेबुनियाद है. इसके विरोध में समाज द्वारा 20 सितंबर को राजभवन के समक्ष प्रदर्शन कर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जायेगा. प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष वृजलाल हांसदा ने कहा कि कुड़मी कभी आदिवासी ना थे, ना है और ना रहेंगे. इनकी मांग केवल आदिवासी समाज का अधिकार छीनने के लिए है. सखीलाल किस्कू ने कहा कि कुड़मी समाज को एसटी में शामिल किये जाने से हमारे समाज के जल, जंगल व जमीन पर कब्जा हो जायेगा. कुड़मी समाज को एसटी में शामिल किया गया तो राज्य जल उठेगा. मौके पर धनेश्वर मुर्मू, हेमलाल मरांडी, रतिलाल हांसदा, अजित टुडू, छोटू मुर्मू, रावण मांझी, मिहिलाल टुडू, महावीर मरांडी, मोतीलाल किस्कू, पवन किस्कू, अनिल टुडू, बिनोद मुर्मू, रोहन सोरेन, मदन हेंब्रम, मनोज हांसदा, कालो मरांडी, बुधन सोरेन, सुखदेव किस्कू आदि मौजूद थे.
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