महुआटांड़, लुगूबुरु ओलचिकी इतुन आसड़ा, तिलैया (ललपनिया) के बैनर तले ओलचिकी के दर्जनों विद्यार्थी व शिक्षक रविवार को ओलचिकी लिपि के जनक पंडित रघुनाथ मुर्मू की जन्मस्थली ओडिसा राज्य के मयूरभंज जिले के डांडबूस रवाना हुए. तीन दिवसीय यात्रा के लिए मंत्री योगेंद्र प्रसाद की पहल पर जिला प्रशासन की ओर से दो बस मुहैया करायी गयी. मंत्री ने वीडियो कॉल के जरिए सभी को शुभकामनाएं देते हुए रवाना किया. पूर्व मुखिया बबुली सोरेन ने हरी झंडी दिखायी. आसड़ा अध्यक्ष रामकुमार सोरेन ने बताया कि ओलचिकी लिपि के विस्तार और विकास को लेकर आसड़ा वर्षों से काम कर रहा है. राज्य के विभिन्न जिलों में आसड़ा की शाखाओं में बच्चों को ओलचिकी की निःशुल्क पढ़ाई करायी जाती है. शैक्षणिक भ्रमण पर जाने वालों में आसड़ा अध्यक्ष के अलावा केंदुआ के मांझी बाबा किशुन हेंब्रम, चोरगांवा के जगरनाथ मरांडी, रांची यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर नारायण मरांडी, बिनोद टुडू, शिक्षिका संध्या टुडू, पूजा मरांडी, सोनिया हेंब्रम, दिनाराम हांसदा, संतोष सोरेन, शीतल सोरेन, संजय मरांडी, बिनोद कुमार मुर्मू, गुलाब मरांडी सहित दर्जनों विद्यार्थी शामिल हैं. मौके पर मेघराय मुर्मू, शिवराम हांसदा, दीपक मरांडी आदि मौजूद थे.
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