बोकारो, उत्कृष्ट जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) पिंड्राजोरा में ‘पाठ्यक्रम शिक्षण में सांस्कृतिक आदानों की सहभागिता’ विषय पर तीन दिवसीय गैरआवासीय कार्यशाला बुधवार को संपन्न हुई. इसमें विभिन्न प्रतिभागियों ने अपनी-अपनी प्रस्तुति के माध्यम से कला एवं संस्कृति के पाठ्यक्रम शिक्षण में समावेश पर अपनी प्रस्तुति दी. कला एवं संस्कृति के शिक्षण कार्य में समावेशन पर विस्तार से मंथन किया गया. शिक्षकों ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से अपनी-अपनी प्रस्तुति दी. नृत्य, संगीत, गायन, वादन, नाटक आदि के माध्यम से एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी. कार्यक्रम के संचालन में सांस्कृतिक स्रोत व प्रशिक्षण केंद्र, भारत सरकार द्वारा प्रशिक्षित शिक्षकों की महती भूमिका रही. वहीं, जिले के उत्कृष्ट कथक नृत्यांगना संघमित्रा चक्रवर्ती ने विषय पर विस्तृत व्याख्यान कथक नृत्य प्रस्तुत किया. प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले शिक्षकों को मोमेंटो देकर व कार्यशाला में भाग लेने वाले सभी शिक्षकों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया. कार्यशाला में कार्यक्रम समन्वयक राकेश कुमार सिंह, जिला साधन सेवी अजय कुमार ठाकुर, डॉ आशा रानी, सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र प्रशिक्षित शिक्षक डॉ अवनीश कुमार झा, रश्मि जैन, राजदेव साहू, प्रदीप, संजय कुमार, रेणुका, आशुतोष कुमार, सीमा ठाकुर, नीलम कुमारी, महादेव महतो, शिव कुमार गोस्वामी आदि की उल्लेखनीय भूमिका रही.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

