विनोद सिन्हा, चंद्रपुरा, चंद्रपुरा थर्मल पावर प्लांट को पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डीवीसी प्रबंधन ने दामोदर नदी में वर्ष 2009 में बियर पौंड (बांध) का निर्माण कराया था. मगर इस बांध का गेट नहीं खुलने से प्रबंधन को हाल के दिनों में कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसी बांध में जमा पानी को इंटेक वेल में लगे मोटर के जरिये वाटर रिजर्वायर में भेजा जाता है. बाद में यहां से साफ पानी को पावर प्लांट में भेजा जाता है. कॉलोनी क्षेत्र में भी इसी पानी का सप्लाई होता है. बांध के उत्तरी दिशा में पानी निकालने के लिए चार गेट बनाये गये, मगर बांध बनने के बाद से आज तक इन गेटों को खोला नहीं जा सका. प्रबंधन ने कई कोशिश की, मगर सफलता नहीं मिली. इसके कारण पानी के साथ नदी से आने वाला बालू व गाद बांध में जमा होता रहा. इस बांध में कभी 30 फीट तक पानी जमा होता था, लेकिन वर्तमान में मात्र तीन से चार फीट पानी ही जमा हो पा रहा है.
पांच जून को दामोदर महोत्सव में नदी तट पहुंचे सीटीपीएस के वरीय महाप्रबंधक सह परियोजना प्रधान वीएन शर्मा व मुख्य अभियंता अभिजीत घोष ने कहा था कि बांध में बालू भरने से नये व पुराने इंंटेक वेल के मोटर से पानी डिस्चार्ज में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है. गेट को खोला जाना जरूरी हो गया है. इसके लिए प्रबंधन तैयारी कर रहा है.इंटेक वेल में लगे मोटर हो रहे खराब
सीटीपीएस प्रबंधन की ओर से नदी से पानी लाने के लिए यहां दो इंटेक वेल बनाये गये हैं. पुराने इंटेक वेल में चार और नये इंटेक वेल में पांच मोटर लगाये गये हैं. जिस जगह मोटर का सेक्शन लगा है, वहां बालू व गाद जमा हो गया है. इसके कारण मोटर खराब हो जाता है.बांध में जल क्रीड़ा करने आते हैं लोग
हाल के दिनों में इस बांध में लोग जल क्रीड़ा करने पहुंचने लगे हैं. दक्षिणी दिशा में ऊपरी छोर पर जमे बालू के कारण यह जगह नहाने का सबसे अच्छा स्पॉट बन गया है. कई लोग प्लेटफार्म से बीस फीट नीचे पानी में कूद कर आनंद लेते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है