राकेश वर्मा, बेरमो, कोलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश के इंडियन नेशनल माइन वर्कर्स फेडरेशन (इंटक) ने जेबीसीसीआइ 11 की मानकीकरण समिति में अपने प्रतिनिधियों को सम्मिलित करने के लिए तीन नाम प्रस्तावित किया है. इंटक से संबद्ध राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी एसक्यू जमा ने कोल इंडिया चेयरमैन पीएम प्रसाद, निदेशक (मानव संसाधन) विनय रंजन, मानकीकरण समिति के चेयरमैन उदय ए काओले को पत्र भेजा है. इसमें राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के अध्यक्ष कुमार जयमंगल, महासचिव एसक्यू जमा तथा वैकल्पिक सदस्य के तौर पर जनक प्रसाद का नाम प्रस्तावित किया है. साथ ही जेबीसीसीआइ 11 से संबंधित सभी समितियों और उप समितियों में भी इंटक को प्रतिनिधित्व देने की मांग रखी गयी है.
मालूम हो कि 18 सितंबर को कलकत्ता हाइकोर्ट ने जेबीसीसीआइ मानकीकरण समिति की बैठक में इंटक को शामिल किये जाने का आदेश जारी किया है. समिति की बैठक 22 सितंबर को नयी दिल्ली में होने वाली है. इस बैठक में कोयला कामगारों के सालाना बोनस पर चर्चा होगी. इधर, कोल इंडिया प्रबंधन ने कोलकाता हाइकोर्ट के डबल बैंच में सिंगल बैंच के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई 22 सितंबर को होगी. सिंगल बैंच के आदेश को लेकर प्रबंधन हर स्तर पर मंथन कर रहा है. वहीं यूनियन इस बार कोर्ट आदेश नहीं मानने पर कंटेमेंट का मामला बना कर याचिका दायर करेगी.18 सितंबर को आया था कोलकाता हाइ कोर्ट का आया था आदेश
18 सितंबर को कोलकाता हाइ कोर्ट के न्यायाधीश शम्पा दत्त (पॉल) ने इंटक को बैठक को शामिल करने का आदेश देते हुए मामले की अगली सुनवाई दिसंबर को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया था. इंटक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सौम्या मजूमदार, विक्टर बनर्जी, बर्नमय बसाक ने पक्ष रखा. न्यायाधीश ने कहा कि 10 फरवरी 2023 को खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि इंटक का कोई प्रतिद्वंद्वी गुट अदालत में नहीं आया है, तब याचिकाकर्ता को बैठकों में भाग लेने की अनुमति दी जाये. चूंकि अभी भी वही स्थिति है और अन्य कोई गुट अदालत नहीं आया है, इसलिए कोल इंडिया लिमिटेड का कर्तव्य था कि याचिकाकर्ता संघ को 22 सितंबर को होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित करे. यह नहीं करना खंडपीठ के आदेश का उल्लंघन है.वर्ष 2016 के बाद से बोनस की बैठकों से बाहर रही है इंटक
वर्ष 2016 में कोयला मजदूरों के सालाना बोनस (एक्सग्रेसिया) को लेकर कोल इंडिया प्रबंधन ने इंटक को छोड़ कर अन्य सभी चार यूनियनों (एटक, एचएमएस, बीएमएस, सीटू) को वार्ता के लिए बुलाया. लेकिन उस वक्त चारों यूनियनों ने इंटक का भरपूर साथ दिया तथा प्रबंधन से कह दिया कि बगैर इंटक के बोनस के सवाल पर कोई बात नहीं करेंगे. इनके बाद आनन-फानन में कोल इंडिया प्रबंधन ने इंटक राजेंद्र गुट को बैठक में बुलाया. इंटक के राष्ट्रीय महामंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह तथा एसक्यू जामा ने बैठक में हिस्सा लिया था. लेकिन इस बैठक में इंटक नेता राजेंद्र प्रसाद सिंह को बुलाये जाने से खफा इंटक ददई गुट ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया था. नतीजतन 2017 से 2024 तक इंटक बोनस की बैठक से बाहर रही.जेबीसीसीआइ-11 की अंतिम दो बैठक में शामिल हुआ था फेडरेशन
लंबे अरसे बाद वर्ष 2023 में 11वें जेबीसीसीआइ में राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन (इंटक) शामिल हुआ था. कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक विनय रंजन ने 30 मार्च 2023 को इंडियन नेशनल माइन वर्कर्स फेडरेशन (इंटक) को जेबीसीसीआइ में शामिल करने का आदेश जारी किया था. इसके मुताबिक विधायक जयमंगल सिंह, एसक्यू जामा, सौभाग्य प्रधान, बी जनक प्रसाद मुख्य सदस्य व एके झा, चंडी बनर्जी, वीरेंद्र सिंह बिष्ट, गोपाल नारायण सिंह वैकल्पिक सदस्य के रूप में जेबीसीसीआइ-11 की अंतिम दो बैठकों में शामिल हुए तथा फाइनल वेज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया था. जानकारी के अनुसार कोलकाता हाइकोर्ट द्वारा 10 फरवरी 2023 को दिये गये आदेश व सुप्रीम कोर्ट में ददई गुट की एसएलपी डिसमिस होने का बाद कोल इंडिया प्रबंधन ने यह आदेश जारी किया था. मालूम हो कि आपसी विवाद व कोर्ट के आदेश के कारण इंटक 10वें जेबीसीसीआइ से बाहर थी. 14 सितंबर 2016 को दिल्ली हाइकोर्ट ने ददई गुट की ओर से दायर याचिका 8152 / 2016 पर सुनवाई के बाद इंटक को जेबीसीसीआइ में शामिल होने पर रोक दी थी. इसके बाद 18 नवंबर 2016 को 10वां जेबीसीसीआइ गठन का पत्र जारी हुआ था. कोयला मजदूरों का 10वां वेतन समझौता इंटक के बगैर हुआ था. 11वें जेबीसीसीआइ का गठन 10 जून 2021 को बगैर इंटक के हुआ था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

