भंडारीदह/ फुसरो, सीसीएल सीएमडी निलेंदू कुमार सिंह ने सोमवार को ढोरी प्रक्षेत्र की एएडीओसीएम (अमलो) परियोजना का दौरा किया. कोयला उत्पादन बढ़ाने को लेकर यहां हाइवाल माइनिंग जल्द चालू करने पर जोर दिया. इससे पहले सीएमडी सिंह ने डिपार्टमेंटल व आउटसोर्सिंग कार्यस्थल का अवलोकन किया. इस दौरान अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिये.
सीएमडी ने कहा कि इस परियोजना में वर्ष 2006 से 08 तक खान प्रबंधक के पद पर कार्य किया है. इसके कारण इस परियोजना से गहरा लगाव है. पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पिछले साल की तुलना में सीसीएल 16 प्रतिशत नेगेटिव ग्रोथ में है. इसका मुख्य कारण इस बार अत्यधिक बारिश होना भी है. इस वर्ष 2200 एमएम बारिश हुई है, जबकि पिछले वर्षों में 1400 एमएम बारिश हुई थी. सीसीएल की पहली हाइवाल माइनिंग ढोरी में चालू होने जा रही है, जिसका काम प्रगति पर है. दिसंबर तक हाइवाल माइनिंग चालू कर दी जायेगी. हाइवाल माइनिंग को लेकर डीजीएमएस द्वारा फेस से कोयला निकासी के बाद 100 मीटर की दूरी पर एक टो याड बनाना है. कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में सीसीएल का कोयला उत्पादन लक्ष्य 110 मिलियन टन है. इसे सभी के सहयोग से हर हाल में हासिल किया जायेगा. कोटरे बसंतपुर में अप्रैल माह से ओबी निकासी का काम जारी है. एक सप्ताह के अंदर कोयला निकासी का काम चालू हो जायेगा. चंद्रगुप्त में भी ओबी निकासी का काम दो दिन पूर्व चालू हुआ है. एक माह के अंदर यहां से भी कोयला निकासी चालू कर दिया जायेगा. बीएंडके एरिया की कारो व कोनार परियोजना में सीएसपी का निर्माण जारी है. इसका काम पूरा हो जाने के बाद सड़क के माध्यम से होने वाले ट्रांसपोर्टिंग के कारण होने वाले प्रदूषण से भी लोगों को छुटकारा मिलेगा. ढोरी महाप्रबंधक ने कहा कि एरिया हर हाल में 55 लाख टन कोयला उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करेगा.मौके पर ढोरी महाप्रबंधक रंजय सिन्हा, एसओइएंडएम गौतम मोहंती, पीओ राजीव सिंह, एसओ उत्खनन यूके पासवान, विक्रय प्रबंधक जसपाल सिंह, सिविल इंजीनियर रामलखन प्रसाद, मदन सिंह, राकेश गुप्ता आदि मौजूद थे.
एसडीओसीएम परियोजना का भी किया मुआयना
सीएमडी ने एसडीओसीएम परियोजना में चल रहे आउटसोर्सिंग व विभागीय कार्यों का भी मुआयना किया. इस दौरान कहा कि कल्याणी परियोजना की स्थिति फॉरेस्ट री- वैलिडेशन पर डिपेंड है. क्लीयरेंस पर लीव वैलिडेशन के लिए एमओसीसी में कागज चला गया है. जल्द एप्रुवल होकर आ जायेगा. कुछ कारणों से कागज लौट कर चला आया था. उन्होंने जीएम से कहा कि अंबाकोचा वाला क्षेत्र भी ले लिजिए, फिर कल्याणी अगले सात-आठ सालों के लिए निश्चित हो जायेगा. यहां एक वाशरी आने वाली है, लेकिन फारेस्ट वैलिडेशन के कारण प्रकिया रुक गयी.
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