बोकारो थर्मल. डीवीसी के मेंबर टेक्निकल एसके पांडा बुधवार को बोकारो थर्मल दौरा में पहुंचे. उनके साथ इडी सिस्टम दिनेश कुमार सिंह, वरीय जीएम ट्रांसमिशन जयंतो दत्ता सहित अन्य अभियंता थे. निदेशक भवन में एचओपी सुशील कुमार अरजरिया ने उनका स्वागत किया. बाद में मेंबर टेक्निकल 630 मेगावाट वाले बंद पावर प्लांट के स्क्रैप कटिंग कार्य को देखा. स्क्रैप कटिंग करने वाली कंपनी राधा स्मेलटर्स का कार्य वर्तमान इलेक्ट्रिकल के मेन कंट्रोल रूम के कारण बाधित हो रहा है, जिसको लेकर उसे शिफ्ट करने वाले स्थान का निरीक्षण किया. डीवीसी पावर प्लांट के तकनीकी भवन स्थित सभागार में एचओपी सहित सभी अधिकारियों व अभियंताओं के साथ बैठक की तथा दिशा-निर्देश दिये. बैठक में बोकारो थर्मल में नया पावर प्लांट लगाये जाने पर कहा कि सर्वे का कार्य किया जा रहा है. सर्वे का कार्य पूरा होने के बाद ही रिजल्ट सामने आयेगा.
तीसरी पाइप फटी तो बंद करना पड़ सकता है पावर प्लांट से उत्पादन
बोकारो थर्मल के निशन हाट पुलिया से मुर्गी फार्म होकर नूरी नगर स्थित डीवीसी के ऐश पौंड तक गयी एक पाइप लाइन की मरम्मत तीन माह बाद भी गोविंदपुर के रैयतों के विरोध के कारण नहीं की जा सकी है. एक सप्ताह पूर्व मुर्गी फार्म के समीप एक और पाइप फट गयी है. इसकी मरम्मत भी नहीं करने दिया जा रहा है. प्रबंधन का कहना है कि एक और पाइप फट गयी तो 500 मेगावाट वाले ए पावर प्लांट से उत्पादन बंद करना पड़ेगा. विभागीय डीजीएम एन मुरस्कर ने भी ऐसी आशंका जताते हुए एचओपी को पत्र दिया है.
मालूम हो कि 10 दिसंबर को पाइट फटने के कारण धान के खेतों में छाई छाई जमा हो गयी थी और फसल को भी नुकसान हुआ था. फटे पाइप की मरम्मत को लेकर गोविंदपुर के रैयतों के साथ डीवीसी प्रबंधन ने कई बार वार्ता की, परंतु बात नहीं बनी. बाद में बेरमो एसडीओ की अध्यक्षता में हुई प्रबंधन व रैयतों की वार्ता का भी सकारात्मक परिणाम देखने को नहीं मिला. मामले पर डीजीएम बीजी होलकर ने कहा कि डीवीसी ने पाइपलाइन के लिए जमीन सीसीएल प्रबंधन से ली है, जबकि उक्त जमीन पर गोविंदपुर के रैयतों द्वारा दावा किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है