गांधीनगर, संडे बाजार छोटा क्वार्टर स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान एवं श्री नारायण महायज्ञ को लेकर तीसरे दिन रविवार को यज्ञ मंडप की परिक्रमा के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. आचार्य द्वारा कई अनुष्ठान कराये गये. शनिवार की रात को प्रवचन में कथावाचक रुद्र कृष्ण जी महाराज ने कहा कि भागवत कथा मनुष्य के जीवन में सुखों का संचय करने वाली होती है. पूरे मनोयोग के साथ कथा श्रवण मात्र से जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन हो सकते हैं. कहा कि मनुष्य को अहंकार नहीं करना चाहिए. जिस किसी ने भी अहंकार किया, उसका निश्चित रूप से पतन हुआ. राहु ने अमृत पिया और अमर हो गया, लेकिन उसके व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं होने के कारण उसे कोई लाभ नहीं मिला. वहीं धुंधकारी जैसे पापी को भी कथामृत श्रवण करने मात्र से मोक्ष मिला. भागवत कथा अमृत के सामान है. मोक्ष प्राप्ति के लिए राजा परीक्षित ने अपने जीवन के अंतिम सात दिन कथामृत श्रवण कर बिताया था. प्रवचन के दौरान कलाकारों द्वारा आकर्षक झांकी भी प्रस्तुत की गयी.
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