बेरमो. कोल इंडिया एपेक्स जेसीसी की बैठक 25 फरवरी को कोलकाता में होगी. इसमें मजदूर संगठनों की ओर से कोलकर्मियों से जुड़े कई अहम मुद्दे उठाये जा सकते है. मालूम हो कि वेजबोर्ड-11 में हुए समझौते के तहत पेंशन रिविजन सहित कई सेवानिवृत्त कर्मियों का एरियर अभी तक लंबित है. मेडिकल अनफिट, पेंशन रिविजन, सीपीआरएमएस, ठेका मजदूरों काे एचपीसी का लाभ, रिटायर कर्मियों को 20 लाख रुपया ग्रेच्युटी का भुगतान, आवास आवंंटन का मामला भी अधर में है. मालूम हो कि कोलकर्मियों के लिए वेतनमान समझौता-11 हुए कई माह होने को हैं. लेकिन अभी भी कई मुद्दे लटके हुए हैं. इसको लेकर ना तो कोल इंडिया प्रबंधन गंभीर दिखता है और ना ही ट्रेड यूनियन के नेता. लटके हुए मुद्दों में सबसे अहम बंद मेडिकल अनफिट का है. एनसीडब्ल्यूए-11 समझौते के समय कोल इंडिया प्रबंधन की ओर से कहा गया था कि धारा 9:4:0 (बीमार व लाचार कर्मियों के आश्रित पुत्र को नियोजन) का क्लाउज यथावत चालू रहेगा, लेकिन व्यवहार व कागज में यह कहीं नहीं है. कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों में हजारों मामले वर्ष 2016 से लंबित हैं.
कर्मियों के कई मामले हैं लंबित
रिटायर कर्मियों की पेंशन भी रिवाइज नहीं हो रही है. सीपीआरएमएस के तहत कर्मियों को पैसा भी सही रूप से नहीं मिल रहा है. आठ लाख रुपया तक कैशलेस इलाज का प्रोविजन है. सीपीआरएमएस को लेकर कोल इंडिया ने कहा था कि जल्द ही इसको लेकर कोई ठोस निर्णय लेंगे. इसको लेकर एक कमेटी भी गठित की गयी. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट कोल इंडिया काे सौंप दी तथा कहा कि इसमें पैसे की जरूरत है. इस पर कोल इंडिया ने कहा था कि यह पैसा देंगे. लेकिन कोल इंडिया ने इस पर क्या ठोस निर्णय लिया है, इसकी जानकारी अभी तक मजदूर संगठनों को नहीं दी गयी है. 25 को होने वाली जेसीसी की बैठक में संभवत: इस पर मजदूर संगठन चर्चा कर सकते हैं.
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