फुसरो, सीसीएल सेफ्टी बोर्ड के सदस्यों की टीम ने मंगलवार को ढोरी एरिया की एसडीओसीएम व एएडीओसीएम परियोजना और ढोरी खास भूमिगत खदान सहित विभिन्न आउटसोर्सिंग पैच का निरीक्षण किया. इस दौरान कई कागजात की जांच की. बाद में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि माइंस की स्थिति ठीक नहीं है. मार्च में कोयला उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने के दौरान कोयला तथा ओबी का ढेर खड़ा कर नियम के विरुद्ध कार्य किये गये हैं. उसे अभी तक सुधारा नहीं गया है. हाइवाल माइनिंग जहां से करना है, उस खदान में अभी भी 45 मिलियन गैलन पानी है. इसे निकालने में काफी समय लगेगा. भूमिगत खदान में कर्मियों के पास जूता, टोपी जैसे सुरक्षा उपकरणों की कमी मिली. साथ ही सरफेस में ट्रेक्स भरने का काम, आग से बचाव, मशीन की जानकारी सभी कामगारों को नियमानुसार देने में कमी व सरफेस में शौचालय की कमी है. आउटसोर्सिंग के संबंध में कहा कि फॉर्म ए, यू, डी की कमी मिली. मिनट्स की खानापूर्ति की गयी है. आउटसोर्सिंग का ज्यादातर रिकार्ड उपलब्ध नहीं है. इसको लेकर प्रबंधन को सुधार करने का निर्देश दिया गया है. टीम में एटक के लखन लाल महतो, आरकेएमयू (एचएमएस) के राजेश कुमार सिंह, जेएमएस के रवींद्रनाथ सिंह, सीटू के अरुण कुमार, यूसीडब्ल्यूयू एचएमएस के विकास कुमार, सीएमयू (एचएमएस) के खुशीलाल महतो, सीसीएल सीकेएस के जयप्रकाश झा, विशाल कुमार व राघवेंद्र पासवान शामिल थे.
स्थानीय अधिकारियों ने कहा
इधर, ढोरी एरिया के सेफ्टी अधिकारी मनोज सिंह, एसओइएंडएम गौतम महंती व अमलो पीओ राजीव कुमार सिंह ने कहा कि सेफ्टी बोर्ड सदस्यों द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों के पालन की दिशा में पहले से ही कदम उठाया गया है. जिन बिंदुओं पर काम शुरू नहीं हुआ है, उसकी कार्य योजना तैयार कर काम किया जायेगा. एएडीओसीएम माइंस में जमा पानी को दो हजार डीपीएम की मशीन लगा कर दो माह के अंदर निकाल देंगे. इस वर्ष हर हाल में हाइवाल माइनिंग का काम शुरू किया जायेगा. मौके पर सभी परियोजना के पीओ, मैनेजर, सेफ्टी अधिकारी, माइनिंग अधिकारी सहित यूनियन नेता गोवर्धन रविदास, विकास सिंह, धीरज पांडेय, राजू भुखिया, जवाहरलाल यादव आदि थे.
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