बोकारो. बोकारो का सबसे बड़ा सरकारी कॉलेज ‘बोकारो स्टील सिटी कॉलेज’ समस्याओं के मकड़जाल में फंसा हुआ है. शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों की कमी के कारण पठन-पाठन कार्य प्रभावित हो रहे है. समस्याओं का अंबार लगा हुआ है. कॉलेजों में हर दिन विद्यार्थियों को अपनी समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है. कॉलेज प्रबंधन ही अपने तरीके से विद्यार्थियों की समस्याओं को निबटाता है. विद्यार्थियों का प्रतिनिधित्व करने वाला भी कोई नहीं है. कॉलेज को नैक की ओर से बी ग्रेड की मान्यता प्राप्त है. यहां लगभग छह हजार के आसपास विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. स्नातक सभी संकाय, स्नातकोत्तर, बीबीए, बीसीए व बीएड की पढ़ाई होती है. पठन-पाठन, नामांकन, परीक्षा फार्म करने सहित प्राथमिक समस्याओं से विद्यार्थी लगातार परेशान होते हैं. खुद ही दौड़-भाग कर समस्याओं को निबटाते है.
शौचालय बनने के बाद से ही उपयोग के लायक नहीं
कॉलेज में लगभग 40 लाख की लागत से इनडोर स्टेडियम बनाया गया है. जो बेकार पड़ा हुआ है. ना पहले काम का था न अभी काम का है. शौचालय बनने के बाद से ही उपयोग के लायक नहीं है. लाख रुपये खर्च करने के बाद भी आज तक उपयोग नहीं किया गया. सामान भी टूट-फूट गया है. कॉलेज में बने तीन प्रकार के छात्रावास तक जाने के लिए रास्ता तक नहीं है. हरिजन आदिवासी छात्रावास तक जाने के लिए विद्यार्थियों को पंगडडी का सहारा लेना पड़ता है.
बिजली व पानी के लिए कॉलेज बीएसएल पर निर्भर
बिजली व पानी के लिए कॉलेज बोकारो इस्पात प्रबंधन पर निर्भर है. कई बार बिजली बिल अधिक होने पर कनेक्शन काट दिया जाता है. कॉलेज प्रबंधन की ओर से आश्वासन के बाद बिजली कनेक्शन दे दिया जाता है. पेयजल की स्थिति भी यही बनी हुई है. लाखों की लागत से बने वाहन व साइकिल स्टैंड उपयोग लायक ही नहीं है. विद्यार्थियों व आगंतुकों को अपने वाहन जहां-तहां पार्क करना पड़ता है. आज तक कॉलेज पूरी तरह वाई-फाई से लैस नहीं हो पाया है. लाइब्रेरी अब तक इ-लाइब्रेरी नहीं बन पायी. महिला छात्रावास बनकर पूरी तरह तैयार है. छात्राओं को अलाउड की जगह इग्नू कार्यालय चल रहा है. चुनाव कराया जाना चाहिए, ताकि विद्यार्थियों की समस्याओं को मुखरता के साथ उठा सकें.समस्याओं का होगा समाधान : प्राचार्या
बोकारो स्टील सिटी कॉलेज की प्राचार्या डॉ उमा मागेश्वरी ने कहा कि शिक्षक व शिक्षकेतर के स्वीकृत पदों पर जल्द ही बहाली हो जायेगी. विद्यार्थियों की परेशानियों को सुलझाने के लिए 24 घंटे तत्पर हूं. धीरे-धीरे सभी समस्याओं का समाधान हो रहा है. थोड़ा वक्त लगेगा. स्टेडियम के मामले में विवि प्रबंधन के निर्देश के अनुसार कार्य किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है